AAP ने कहा, 'यदि किसानों के साथ खड़ा होना 'राजनीति करना है' तो हम दोषी हैं'

कृषि कानूनों का जमकर विरोध कर रहे किसानों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर देश की राजधानी दिल्‍ली को ब्‍लॉक करने और हाईवे को जाम करने की धमकी दी है.

AAP ने कहा, 'यदि किसानों के साथ खड़ा होना 'राजनीति करना है' तो हम दोषी हैं'

बीजेपी के आरोप पर 'आप' के राघव चड्ढा ने पलटवार किया

खास बातें

  • बीजेपी ने लगाया है 'आप' पर राजनीति करने का आरोप
  • चड्ढा बोले, यदि कानून कानूनों को रद्द करने की मांग सियासत तो हम हैं दोषी
  • आंदोलनकारी किसानों के साथ पुलिस के व्‍यवहार की आलोचना की

Farmers Protest: किसानों के आंदोलन को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. बीजेपी (BJP) की ओर से सियासी लाभ के लिए किसानों के आंदोलन के मसले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार किया. 'आप' के राघव चड्ढा(Raghav Chadha) ने कहा, 'यदि मुश्किल समय में किसानों के साथ खड़ा होना....तीन काले कानूनों को रद्द करने की मांग करना राजनीति है.... तो हम दोषी है.' चड्ढा  ने बीजेपी शासित हरियाणा राज्‍य और दिल्‍ली (जहां पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है) में किसानों के साथ पुलिस के व्‍यवहार की जमकर आलोचना की. केंद्र सरकार को याद दिलाते हुए उन्‍होंने कहा कि किसानों के साथ बिना शर्त बातचीत की पेशकश करके इस विरोध प्रदर्शन का समाधान एक मिनट में  किया जा सकता है. एनडीटीवी से बात करते हुए राघव ने कहा, 'यदि ऐसे समय में किसानों के साथ खड़े होना राजनीति है तो हम ऐसा करने के दोषी हैं. यदि तीन काले कानूनों को निरस्‍त करने की मांग करना राजनीति है तो हम इसके दोषी हैं. हमारा दिल किसानों के लिए धड़कता है, हम उनके साथ है. यह आंदालेन किसानों द्वारा किया जा रहा है और हम केवल उनका समर्थन कर रहे हैं.' 

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इससे पहले, बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख ने आंदोलन के खालिस्‍तान और माओवादी लिंक ( Khalistan and Maoist link) का आरोप लगाया था. बीजेपी के IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली दिल्‍ली सरकार ने 23 नवंबर 2020 को ही नए कृषि कानूनों को अधिसूचित (notified) कर दिया है और इन्‍हें लागू कर रही है लेकिन अब, जब खालिस्‍तानी और माओवादी इसके विरोध में आगे आ गए तो वह इसे दिल्‍ली को 'जलाने' के अवसर के तौर पर देख रही है. यह कभी किसानों के बारे में नहीं है, केवल राजनीति... ' 

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बीजेपी के इस आरोप पर AAP की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'बीजेपी को समझ में नहीं आ रहा कि किसानों के राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन से किस तरह निपटे, ऐसे में लोगों का ध्‍यान हटाने की वह कोशिश कर रही है.' बयान में यह भी कहा गया है दिल्‍ली गवर्नमेंट की ओर से जारी अधिसूचना किसानों को अपनी फसल, मंडी से बाहर सहित कहीं भी बेचने की इजाजत दे देती है. दिल्‍ली में फलों और सब्जियों की बिक्री पहले से ही डि रेगुलेट थी. अब यह बात अनाज के लिए भी लागू होगा. हमने मंडियों को खत्‍म नहीं किया है और ये चल रही हैं. किसान इसके खिलाफ नहीं है. किसान की मांग यह है कि मंडी के अंदर या बाहर, उन्‍हें न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य मिलना चाहिए, हम इस मांग के समर्थन में हैं. गौरतलब है कि बीजेपी नीत केंद्र की NDA सरकार इस समय किसानों के आंदोलन का सामना कर रही है. कृषि कानूनों का जमकर विरोध कर रहे किसानों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर देश की राजधानी दिल्‍ली को ब्‍लॉक करने और हाईवे को जाम करने की धमकी दी है.

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