आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को सिंघु बॉर्डर पर श्रद्धांजलि, किसानों ने दिया 24 घंटों का अल्टीमेटम; 10 बड़ी बातें

केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन 25वें दिन भी जारी है. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान कड़ाके की ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं.

आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को सिंघु बॉर्डर पर श्रद्धांजलि, किसानों ने दिया 24 घंटों का अल्टीमेटम; 10 बड़ी बातें

किसानों का आंदोलन 25वें दिन भी जारी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन 25वें दिन भी जारी है. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान कड़ाके की ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि "कानून खत्म कर दिए जाएं और हम दो घंटे में चले जाएंगे." प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों ने शनिवार को कहा कि वे अपना अगला कदम अगले दो तीन दिनों में तय करेंगे. किसान आंदोलन को राजनीतिक रंग दिए जाने की कोशिशों के बीच किसान संगठन ने प्रधानमंत्री मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा है कि विरोध प्रदर्शन किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं है. 

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान नेता वीएम सिंह और प्रशासन के बीच बैठक चल रही है. प्रदर्शन के लिए आ रहे किसानों की गाड़ियां/ ट्रैक्टर रोके जा रहे हैं. अगर इसे रोका नहीं गया तो NH-24 पर आवागमन को पूरी तरह रोकने की बात कही जा रही है. प्रशासन को 24 घण्टे का अल्टीमेटम दिया गया है. अगर किसानों की गाड़ियां नहीं छोड़ी जातीं तो आवागमन पूरी तरह बाधित किया जाएगा.

आंदोलन में मारे गए किसानों को रविवार को सिंघू बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर श्रद्धांजलि दी जा रही है. ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने कल दावा किया कि 26 नवंबर से जारी विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले 33 किसानों की मौत दुर्घटनाओं, बीमारी और ठंड के मौसम की वजह से हुई है. जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में ''श्रद्धांजलि दिवस'' मनाया जाएगा.

कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं, प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "कानून खत्म कर दिए जाएं और हम दो घंटे में चले जाएंगे." किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच, एक किसान संगठन में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा.

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि रणनीति तय करने के लिए यूनियनों के बीच वर्तमान में चर्चा चल रही है. वे इस मामले पर कानूनी राय भी ले रहे हैं. कक्का ने कहा, ‘‘हमारी बैठकें अगले कदम के लिए हो रही हैं. हम उम्मीद करते हैं कि अगले दो-तीन दिनों में, हमारे समक्ष यह स्पष्टता होगी कि हमें अदालत द्वारा सुझाई गई समिति का हिस्सा होना चाहिए या नहीं.''

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा कि वर्तमान में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, मोदी और तोमर को हिंदी में अलग-अलग लिखे गए पत्रों में समिति ने कहा कि सरकार की यह गलतफहमी है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है. 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से शनिवार को मुलाकात के बाद कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों और सरकार के बीच वार्ता के अगले दौर के लिए रास्ता एक या दो दिन में निकल सकता है. मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन शुरू होने के बाद से दूसरी बार तोमर से उनके आवास पर मुलाकात की है. इससे पहले खट्टर ने आठ दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की थी. 

किसान संगठन ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि किसानों के आंदोलन ने राजनीतिक दलों को अपने विचार बदलने के लिए मजबूर किया है और आपके (प्रधानमंत्री) आरोप कि राजनीतिक दल इसे (विरोध प्रदर्शन) पोषित कर रहे हैं, वह गलत है.''

खट्टर के हवाले से हरियाणा सरकार के एक बयान में कहा गया, ‘‘एक या दो दिन में बातचीत के लिए रास्ता निकल सकता है. अगर किसान संघों के नेता ‘हां' या ‘नहीं' में उत्तर की मांग छोड़कर आगे आते हैं तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है.''

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘किसानों के साथ में अन्याय हो रहा है. किसान भारी ठंड में बैठे हुए हैं. सरकार में बैठे लोग इतने संवेदनहीन लोग हैं कि इनमें संवेदनशीलता नाम की चीज नहीं है.''गहलोत ने कहा, ‘‘बड़े-छोटे सब किसान हैं और सब दुखी हैं. सरकार को चाहिए, प्रधानमंत्री जी को खुद को चाहिए कि वह बड़ा दिल रखें और प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाएं.''

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से शनिवार को मुलाकात के बाद कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों और सरकार के बीच वार्ता के अगले दौर के लिए रास्ता एक या दो दिन में निकल सकता है. मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन शुरू होने के बाद से दूसरी बार तोमर से उनके आवास पर मुलाकात की है. इससे पहले खट्टर ने आठ दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की थी. 
 

(एएनआई और भाषा के इनपुट के साथ)