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This Article is From Jan 17, 2021

नए कृषि कानूनों से जुड़ा RTI आवेदन रद्द होने पर बिफरे चिदंबरम, निशाने पर नीति आयोग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम कृषि कानूनों को लेकर पहले भी सरकार पर कई बार हमला बोल चुके हैं. उन्होंने कहा, "RTI के जवाबों ने सरकार के झूठे दावों को उजागर किया है."

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नए कृषि कानूनों से जुड़ा RTI आवेदन रद्द होने पर बिफरे चिदंबरम, निशाने पर नीति आयोग
चिदंबरम ने कृषि कानून से जुड़ी जानकारी नहीं देने पर नीति आयोग को घेरा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस (Congress) लगातार सरकार पर हमला कर रही हैं. नीति आयोग ने कृषि कानूनों से संबंधित जानकारी की अपील करने वाली अंजली भारद्वाज की RTI को कथित रूप से खारिज कर दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ( P. Chidambaram) ने इसे लेकर थिंक टैंक (NITI Aayog) को आड़े हाथों लिया है. चिदंबरम ने सरकार के इस कदम को हैरानी भरा बताया. कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं.

चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट किया, "कृषि पर NITI Aayog की मुख्यमंत्रियों की समिति ने सितंबर 2019 में विचार-विमर्श किया और अपनी रिपोर्ट दी. 16 महीने बाद भी रिपोर्ट को अब तक नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल के सामने "प्रस्तुत" नहीं किया गया है! क्यों, किसी को नहीं पता और कोई जवाब नहीं देगा!"

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस कारण का हवाला देते हुए, रिपोर्ट की एक प्रति के लिए अंजलि भारद्वाज के RTI अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है! ऐलिस ने कहा होगा "जिज्ञासु और जिज्ञासु". मैं अंजलि भारद्वाज को उनके तप और जानकारी हासिल करने की कोशिश को सलाम करता हूं."

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम कृषि कानूनों को लेकर पहले भी सरकार पर कई बार हमला बोल चुके हैं. उन्होंने शनिवार को कहा, "RTI के जवाबों ने सरकार के झूठे दावों को उजागर किया है कि "फार्म कानून अध्यादेशों की घोषणा से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया गया था". सच्चाई यह है कि किसी से भी सलाह नहीं ली गई थी. विशेष रूप से, राज्य सरकारों से परामर्श नहीं किया गया था."

उन्होंने कहा कि गतिरोध से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका सरकार को अपनी गलती स्वीकार करना और नए सिरे से बात शुरू करने के लिए सहमत होना है.

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