किसानों ने क्यों ठुकराई केंद्र से वार्ता की पेशकश, जानिए 10 बड़ी बातें

किसानों ने क्यों ठुकराई केंद्र से वार्ता की पेशकश, जानिए 10 बड़ी बातें

Farmers Protest March in Delhi: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हैं किसान

नई दिल्ली: Farmers Protest March: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान संगठनों ने शर्तों के साथ बातचीत की केंद्र सरकार की पेशकश ठुकरा दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से वार्ता का न्योता दिया गया था, जिसमें 3 दिसंबर से पहले बातचीत के लिए किसानों को दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर से हटकर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड जाने को कहा गया था. इसको लेकर किसान संगठनों ने रविवार सुबह बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार को बिना किसी शर्त के खुले दिल से बातचीत का आमंत्रण देना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कृषि कानूनों का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि इन कानूनों ने किसानों के लिए संभावनाओं और अवसरों के लिए नए द्वार खोल दिए हैं.

दिन भर के घटनाक्रम की 10 बड़ी बातें...

  1. किसान संगठनों (Farmers Union) ने 7 सदस्यीय कमेटी बनाई है, जिसमें स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) भी शामिल हैं. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हम पर बातचीत के लिए शर्तें थोप रही है, लिहाजा वह दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करते (Farmers Protest)  रहेंगे. सरकार को यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि यह वार्ता किसानों को नए कानूनों का लाभ बताने के लिए हो रही है. उन्हें एक प्रस्ताव किसान नेताओं के सामने रखना चाहिए.

  2. किसान नेताओं का कहना है कि पूरे शहर में पुलिस बलों की तैनाती के साथ दहशत और भय का माहौल किसानों और दिल्ली की जनता के लिए कायम किया जा रहा है. किसानों को डर है कि बुराड़ी का (Burari) निरंकारी ग्राउंड को जेल में तब्दील किया जा सकता है. यह आशंका दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के उस अनुरोध के बाद पनपा था, जिसमें स्टेडियम को जेल में बदलने की मांग रखी गई थी. केजरीवाल सरकार ने यह प्रस्ताव ठुकराते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारी दिल्ली के मेहमान हैं.

  3. नरेला के निकट दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (Delhi-Haryana Borders) पर किसानों ने रविवार को पुलिस बैरीकेड तोड़ कर राजधानी दिल्ली में प्रवेश का प्रयास किया. किसानों ने नारेबाजी की और झंडे लहराए. किसान बैरीकेड हटाकर ट्रैक्टर, कार, मोटर साइकिल और पैदल आगे बढ़ने में कामयाब रहे. पुलिस कर्मी उन्हें खड़े देखते रहे गए.

  4. अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को ट्वीट कर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि खट्टर ने किसानों और उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की. अकाली दल किसानों को खालिस्तानी बताने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान की कड़ी निंदा करता है. यह किसानों को बदनाम करने और उनके आंदोलन को कुचलने की साजिश है.

  5. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक वीडियो जारी कर किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत का न्योता दिया था. शाह ने कहा था कि किसान उससे पहले वार्ता करना चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली-हरियाणा सीमा छोड़कर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा. उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों से किसी मुद्दे या समस्या पर बातचीत करने को तैयार है. इसके पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी किसानों को वार्ता का आमंत्रण दे चुके हैं.

  6. शाह ने कहा था कि कई स्थानों पर किसान इस ठंड में अपने ट्रैक्टरों और ट्रालियों में रह रहे हैं. किसानों से अपील है कि वे दिल्ली पुलिस आपको बड़े मैदान में स्थानांतरित करने के लिए राजी हो जाएं. वहां विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए पुलिस अनुमति दी जाएगी. गौरतलब है कि हजारों की तादाद में किसान तो बुरा़ड़ी ग्राउंड पहुंच गए हैं. लेकिन सिंघु बॉर्डर पर अब भी तमाम किसान डटे हैं. वे बुराड़ी ग्राउंड नहीं जाना चाहते.

  7. पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष रुल्दू सिंह ने बैठक के पहले ही साफ कर दिया था कि विरोध प्रदर्शन का स्थान रामलीला मैदान तय है तो बुराड़ी क्यों जाएं. सिंह ने कहा था कि तीनों कृषि कानूनों के अलावा किसान बिजली संशोधन बिल 2020 को भी वापस लेने की मांग पर कायम हैं. अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी का कानून लाना होगा.

  8. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा था कि हम विरोध प्रदर्शन के लिए एक निजी स्थल निरंकारी ग्राउंड पर नहीं जाएंगे. विरोध प्रदर्शन की जगह तो रामलीला मैदान ही तय है. किसान पिछले तीन माह से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन हमारी कोई बात केंद्रर सकार द्वारा नहीं सुनी जा रही है.

  9. कृषि कानून (Farm Laws) के विरोध में आंदोलन के लिए दिल्ली कूच करने वाले किसानों के साथ आए 55 वर्षीय शख्स की मौत हो गई है. शनिवार रात को वह कार में सो रहे थे, उसी दौरान कार में आग लग गई. इस हादसे में उनकी जान चली गई. यह हादसा बहादुरगढ़ के पास हुआ. ट्रैक्टर रिपेयर का काम करने वाले जनक राज पंजाब से चले किसानों के साथ एकजुटता दिखाने और टैक्ट्रर ठीक करने के लिए दिल्ली आए थे. 

  10. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. जैन ने कहा, 'इसमें कोई कंडीशन थोड़ी लगनी चाहिए कि कब बात करेगी सरकार. बात तुरंत करनी चाहिए. कंडीशन वाली बात थोड़ी है. हमारे देश के किसान हैं, हमारे अन्नदाता हैं, उनसे तुरंत बात करनी चाहिए और जहां वो चाहें उन्हें बैठने देना चाहिए.'