
अपनी मांगों के साथ दिल्ली सीमा पर बने हुए हैं किसान. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Farmers Protests Updates: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे लाखों किसानों का प्रदर्शन अपने सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है. लाखों की तादाद में किसान दिल्ली की सीमाओं पर टिके हुए हैं और उनके आंदोलन को मिलता समर्थन बढ़ता ही जा रहा है. मंगलवार को कुछ किसान नेताओं की कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित केंद्र सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक भी हुई, लेकिन सरकार का प्रस्ताव किसानों को पसंद नहीं आया. आज फिर किसानों ने सिंघू बॉर्डर पर एक बैठक की है. इस बैठक में कम से कम 32 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया है. किसानों ने शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला किया है, जिसमें बैठक की जानकारी दी जाएगी.
Farmers Protests Updates
किसानों के आंदोलन के लिए पैसा कहां से आ रहा? प्रदर्शनकारियों ने यह दिया जवाब
किसानों के आंदोलन (Farmers Movement) के लिए पैसा कहां से आ रहा है? दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर जमे किसानों की फंडिंग पर तमाम सवाल उठ रहे हैं. हमने पता करने की कोशिश की तो जानकारी मिली कि किसान आंदोलन का बहीखाता है. हर गांव से साल में दो बार चंदा एकत्रित होता है. हर छह महीने पर ढाई लाख रुपये का चंदा इकट्ठा होता है. इसमें प्रगतिशील किसान भी मदद कर रहे हैं.
किसानों के आंदोलन (Farmers Movement) के लिए पैसा कहां से आ रहा है? दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर जमे किसानों की फंडिंग पर तमाम सवाल उठ रहे हैं. हमने पता करने की कोशिश की तो जानकारी मिली कि किसान आंदोलन का बहीखाता है. हर गांव से साल में दो बार चंदा एकत्रित होता है. हर छह महीने पर ढाई लाख रुपये का चंदा इकट्ठा होता है. इसमें प्रगतिशील किसान भी मदद कर रहे हैं.
किसानों से एमएसपी पर सुनिश्चित खरीद के लिए कानून बने: भारतीय किसान संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ ने कहा है कि देश में किसानों को एमएसपी रेट किसानों से एमएसपी रेट पर अनाज की खरीद सुनिश्चित की जाए. इसके लिए एक नया कानून बनना चाहिए. दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान आंदोलनकारियों की मुख्या मांगों में MSP की लीगल गारंटी की मांग शामिल है. भारतीय किसान संघ के ऑल इंडिया सेक्रेटरी मोहिनी मिश्रा ने NDTV से कहा कि देश की किसी भी मंडी में किसानो को MSP रेट नहीं मिल रहा है. MSP की गारंटी किसानों को देने के लिए देश में एक नया कानून बनना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ ने कहा है कि देश में किसानों को एमएसपी रेट किसानों से एमएसपी रेट पर अनाज की खरीद सुनिश्चित की जाए. इसके लिए एक नया कानून बनना चाहिए. दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान आंदोलनकारियों की मुख्या मांगों में MSP की लीगल गारंटी की मांग शामिल है. भारतीय किसान संघ के ऑल इंडिया सेक्रेटरी मोहिनी मिश्रा ने NDTV से कहा कि देश की किसी भी मंडी में किसानो को MSP रेट नहीं मिल रहा है. MSP की गारंटी किसानों को देने के लिए देश में एक नया कानून बनना चाहिए.
किसानों ने कहा, 'हमने मिलकर निर्णय लिया है कि कल फिर इन्हें लिख कर देंगे. हम चाहते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द करें. हम चाहते हैं सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द करे. हम कल लिखकर देंगे कि फिर से कि हम क्यों चाहते हैं कि ये कानून रद्द हों, नहीं तो आंदोलन रद्द होगा. पूरी दिल्ली ब्लॉक कर देंगे. हमने निर्णय लिया है कि हमारे पंजाब किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया जाए. हमने निर्णय लिया है कि 5 तारीख़ को पूरे देश में मोदी सरकार का पुतला दहन करने का आह्वान किया है. पूरे देश में 5 तारीख़ को धरना देंगे. 7 तारीख़ को खिलाड़ियों और कलाकारों जिन्हें राष्ट्रीय अवार्ड मिलें हैं, उन्हें वापस लेंगे.'
किसानों ने कहा, 'हमने आपस में मीटिंग ख़त्म की है. केंद्र सरकार ने पहले सिर्फ़ पंजाब को बुलाया था. हमने चार नुमाइंदों की समिति का प्रपोज़ल ठुकराया ताकि और किसानों को भी बुलाया जाए. (योगेंद्र यादव के नाम पर सरकार को ऐतराज था. सरकार ने दिखाने की कोशिश की ये सिर्फ़ पंजाब के किसानों का आंदोलन है. सरकार ने हमें बांटने की कोशिश की. सरकार ने हमें टरकाने की कोशिश की.'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी भारतीय किसान संघ ने कहा, 'देश में किसानों को एमएसपी रेट किसानों से एमएसपी रेट पर अनाज की खरीद सुनिश्चित की जाए इसके लिए एक नया कानून बनना चाहिए.
सरकार ‘बातचीत का ढकोसला’ बंद करे और तीनों ‘काले कानून’ खत्म करे: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार 'बातचीत का ढकोसला' बंद कर इन 'काले कानूनों' को खत्म करे. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि किसानों की आय आधी हो गई, लेकिन सरकार के 'मित्रों' की आय चौगुनी हो गई.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार 'बातचीत का ढकोसला' बंद कर इन 'काले कानूनों' को खत्म करे. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि किसानों की आय आधी हो गई, लेकिन सरकार के 'मित्रों' की आय चौगुनी हो गई.
सरकार को कृषि कानूनों पर खुली बहस की चुनौती
कृषि सुधार कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के एक धड़े ने सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार ने इन कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर नहीं की तो संगठन से जुड़े किसान प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा गया.
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने दावा किया कि सरकार ने किसानों से पूछे बगैर खेती से जुड़े तीन ऐसे कानून संसद में पारित करा दिए जिनसे किसानों पर ही सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. हम सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर इन कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं और आशंकाओं को दूर नहीं किया तो हमारी यूनियन के किसान दिल्ली जाकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे. (भाषा)
नोएडा पुलिस ने दिल्ली पुलिस और किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के बाद दिल्ली से नोएडा-चिल्ला रेगुलेटर होकर जाने वाले रास्ते को एक तरफ से खोल दिया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित, किसानों की एक और बैठक
सिंघू बार्डर पर 4 बजे किसानों की होने वाली प्रेस कांफ्रेंस को स्थगित कर दिया गया था. किसान संगठनों ने एक और बैठक बुलाई है. बैठक में 32 किसान संगठनों के अलावा दूसरे किसान संगठनों के नेता भी मौजूद रहेंगे. बैठक में भाग लेने के लिए राकेश टिकैत भी सिंघू बार्डर पहुंचे हैं.
कालिंदी कुंज बॉर्डर भी बंद
नोएडा लिंक रोड को दिल्ली-नोएडा के ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है. यहां पर गौतम बुद्ध द्वार के पास किसान प्रदर्शन कर रहे थे.
महाराष्ट्र में भी प्रदर्शन
महाराष्ट्र की कामगार संघटना संयुक्त कृति समिति ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है. कल पूरे राज्य में किसानों के समथन में आंदोलन किया जाएगा. तकरीबन सभी 36 जिलों और तहसीलों में मोर्चे निकाले जाएंगे.
'सरकार किसानों को आपस में लड़ाना चाहती है'
सिंघू बार्डर पर चल रही किसान संगठनों की 4 घंटे चली बैठक में लगभग में 32 किसान संगठनों के नेता शामिल थे. किसान संगठनों ने बैठक में कहा कि 'किसान पहले ही अक्टूबर में क्लॉज के हिसाब से आपत्ति की जानकारी लिखित में दे चुके हैं. पर वापस कल वो फिर एक बार लिखित में अपनी आपत्तियां बताएंगे. कल की बैठक से नहीं लगता कि सरकार किसान कानून वापस लेने के मूड हैं , सरकार किसानों को आपस में लड़ाना चाहती है.'
सैकड़ों की संख्या में किसान चिल्ला बॉर्डर पर जमे
नए कृषि कानूनों के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में अपने समर्थकों के साथ सिंह कल शाम से ही चिल्ला बॉर्डर पर जमे हुए हैं. वह संसद और जंतर मंतर जाने की मांग कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने अवरोध लगा कर किसानों को रोक दिया है. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने केन्द्र सरकार से किसान आयोग के गठन की मांग की साथ ही कहा कि नौकरशाहों और नेताओं को इससे दूर रखा जाए.
पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को सिंह के नेतृत्व अलीगढ़, हाथरस, आगरा और गौतमबुद्ध नगर जिले के सैकड़ों किसान नोएडा में चिल्ला बॉर्डर पहुंच गए. किसानों ने बॉर्डर पर जाम लगा दिया है. वे मुख्य मार्ग पर अपने ट्रैक्टर ट्रॉली खड़े करके धरना दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि वे दिल्ली में जंतर मंतर पर जाकर धरना देना चाहते हैं, अगर पुलिस उन्हें नहीं जाने देगी तो यहीं सड़क पर धरना देंगे लेकिन जब तक जंतर मंतर पर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी, रास्ता नहीं छोड़ेंगे.
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने अवरोध लगा रखे है. पुलिस का कहना है कि अगर बुराड़ी में संत निरंकारी मैदान में किसान जाना चाहते हैं तो कोई नहीं रोकेगा, लेकिन जंतर मंतर नहीं जाने दिया जाएगा. (भाषा)
किसानों की शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस
सिंघु बॉर्डर पर जुटे किसान संगठनों ने बुधवार की सुबह बैठक करने के बाद जानकारी दी है कि वो आज शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देंगे. उनकी यह बैठक कल केंद्रीय मंत्रियें के साथ हुई बैठक के बाद हुई है.
अमित शाह के आवास पर मीटिंग
कल की किसानों से हुई बातचीत के बाद बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर एक मीटिंग चल रही है. ANI ने बताया है कि इस मीटिंग में उनके साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं. ये दोनों मंत्री किसानों के साथ हुई बैठक में शामिल थे. माना जा रहा है कि शाह को कल की मीटिंग की जानकारी दी जा रही है.
फोगाट खाप किसानों के समर्थन में पहुंच रही है टिकरी
3 दिसंबर को चौथी दौर की बातचीत
भारत सरकार ने किसान संगठन के प्रतिनिधियों से कहा है कि वह कृषि सुधार से जुड़े कानूनों को लेकर जो उनके मुख्य मुद्दे हैं उनकी पहचान कर उसकी जानकारी सरकार के साथ साझा करें. तीसरी दौर की बातचीत के बाद कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक किसान संगठनों को कहा गया है कि वह 2 दिसंबर तक अपनी बात सरकार के सामने रखें. उनकी तरफ से रखे गए मुद्दों पर 3 दिसंबर को चौथी दौर की बातचीत के दौरान चर्चा होगी.
नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला सीमा को बंद किया गया
गौतम बुद्ध द्वार के पास किसानों के इक्ट्ठा होने के चलते नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला सीमा को बंद किया गया है. इस रास्ते से नोएडा आ रहे लोगों को NH-24 या फिर DND से आने की सलाह दी गई है.
अपनी मांग पर अड़े किसान
किसानों का कहना है कि सरकार को कानूनों पर चर्चा करने के लिए समिति बनाने की जरूरत ही नहीं है, क्योंकि किसान चाहते हैं कि इन कानूनों को ही वापस लिया जाए. उन्होंने इन कानूनों को समाज के हितों के खिलाफ बताया है.
सरकार के साथ बातचीत से नहीं निकला है हल