मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर के किसान फिलहाल बुराड़ी निरंकारी ग्राउंड जाने को तैयार नही हो रहे हैं. सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया.
उत्तरी रेंज के जॉइंट कमिश्नर एसएस यादव के मुताबिक, किसानों से अलग अलग स्तर और बातचीत चल रही है. अभी किसान शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं. उम्मीद है कोई न कोई हल निकलेगा.
टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउड में प्रदर्शन की मंजूरी मिलने के बाद भी वे यहीं जमे हुए हैं. इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.
सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक हो रही है. इस बैठक में आगे की रणनीति की चर्चा होगी कि प्रदर्शन बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में होगा या नहीं. हालांकि, कई किसान संगठनों के नेता ने बुराड़ी प्रदर्शन के लिए तैयार हैं.
दिल्ली पुलिस ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में जाने की अनुमति दे दी हो लेकिन वे बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने से इनकार कर रहे हैं. किसानों से कहा गया है कि वे केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित मैदान में प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. कुछ किसानों का कहना है कि वे हरियाणा में फंसे किसानों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. कई किसानों का कहना है कि वे या तो रामलीला मैदान जाना चाहते हैं या प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाना चाहते हैं.
पंजाब के किसान नेताओं ने बताया कि वे शनिवार को बैठक कर आगे के कदमों के बारे में चर्चा करेंगे. हालांकि, ये किसान नेता केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं. भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने फोन पर बताया, ‘‘कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं. हम शनिवार को बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे.''
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो' का आह्वान किया था. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है. पाल ने कहा कि बुराड़ी के मैदान में पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों से आए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भर सकते हैं.
कई किसान हरियाणा के सोनीपत जिले से लगती दिल्ली की सीमा पर जमा हैं और वे रात में वहीं रूके. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा किसानों aको राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश देने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की अनुमति का स्वागत किया.
अंतरराज्यीय सीमाओं से शुक्रवार की शाम अवरोधक हटाए जाने के बाद पंजाब से किसानों के नए जत्थे दिल्ली आने के लिए हरियाणा में प्रवेश कर गए हैं. हालांकि इससे पहले दिन में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की जद्दोजहद में बड़ी संख्या में किसानों को कदम-कदम पर पुलिस के अवरोधकों, पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों का सामना करना पड़ा था.
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से आंदोलन बंद करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार उनसे सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है. इस बात पर जोर देते हुए कि नए कृषि कानूनों से किसानों के जीवन स्तर में काफी सुधार होगा, तोमर ने कहा कि सरकार विभिन्न किसान संगठनों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है.
(एएनआई और भाषा के इनपुट के साथ)