क्या दिल्ली में फिर होगा किसान आंदोलन? इस तारीख को दिल्ली में जुटेंगे देश भर के किसान

देश भर के किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली का रुख करेंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले देश भर के किसान दिल्ली पहुंचेंगे.

क्या दिल्ली में फिर होगा किसान आंदोलन? इस तारीख को दिल्ली में जुटेंगे देश भर के किसान

पिछले महीने ही भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान संगठनों ने एकजुट होकर दिल्ली मार्च किया था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देश भर के किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली का रुख करेंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले दिल्ली के रामलीला मैदान में दो दिवसीय किसान महासम्मेलन का आयोजन किया गया है. यह सम्मेलन 29 और 30 नवंबर को होगा. समिति के अध्यक्ष वीएम सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तीन दिन के इस आंदोलन के दौरान 28 नवंबर को सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली के सीमीवर्ती शहरों फरीदाबाद, गाजियाबाद और गुरुग्राम में एकत्र होंगे. इसके बाद सभी किसान संगठन दो दिवसीय किसान महासम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पैदल मार्च कर रामलीला मैदान पहुंचेंगे. 

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इस दौरान स्वराज इंडिया के संयोजक और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि सम्मेलन के पहले दिन किसानों की मौजूदा हालत और सरकार की ओर से किए गए वादों की पूर्ति के दावों की हकीकत पर चर्चा की जाएगी. सरकार पर किसानों की मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने के लिये विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

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उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का मकसद किसानों की दो मुख्य मांगों (किसानों की कर्जमाफी के केंद्र और राज्य सरकारों के वादे को पूरा किया जाये और किसानों को फसल का उचित मूल्य मिले) को पूरा करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना है. इस दौरान संघर्ष समिति के सदस्य और माकपा नेता हनान मोला ने कहा कि किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय फलक पर उठाने के लिए इस आंदोलन की रूपरेख तय की गई है. उन्होंने दावा किया कि किसान आंदोलन का यह दौर दो दशक पहले दिल्ली के बोट क्लब में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत द्वारा आयोजित ऐतिहासिक किसान रैली के समान होगा.

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बता दें कि पिछले महीने ही भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आयोजित आंदोलन में किसान संगठनों ने एकजुट होकर दिल्ली मार्च किया था. मध्य प्रदेश के किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादों की हकीकत को चुनावी राज्यों में मुख्य मुद्दा बनाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि अगले दो महीनों में पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनाव होने हैं.
(इनपुट : भाषा)


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