किसान अपनी उपज देश के किसी भी हिस्से में ले जाकर बेच सकेंगे, कृषि उत्पाद की ई-ट्रेडिंग होगी

एसेंशियल कमोडिटीज कानून में अहम संशोधन करके इसके तहत अनाज सहित कृषि खाद्य सामग्री, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू को नियंत्रण-मुक्त किया जाएगा

किसान अपनी उपज देश के किसी भी हिस्से में ले जाकर बेच सकेंगे, कृषि उत्पाद की ई-ट्रेडिंग होगी

किसान अपने उत्पाद कानून में संशोधन के बाद देश के किसी भी हिस्से में जाकर बेच सकेंगे.

नई दिल्ली:

किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके और वे अपनी उपज देश के किसी भी हिस्से में ले जाकर बेच सकें इसके लिए सरकार ने एक नया केंद्रीय कानून लाने का फैसला किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने दिल्ली में कृषि क्षेत्र के लिए सरकार के राहत पैकेज के ऐलान के दौरान इसका खुलासा किया.  

कोरोना संकट के दौरान किसानों को उनकी उपज को मंडी में ले जाकर बेचने में कई तरह की अड़चनें और चुनौतियां झेलनी पड़ीं. अब मोदी सरकार ने तय किया है कि देश में एक नया केंद्रीय कानून बनाया जाएगा जिससे किसानों को यह अधिकार मिलेगा की वे किसी भी राज्य में ले जाकर अपने कृषि उत्पाद बेच सकेंगे.

प्रस्तावित नए कानून में अवरोध-मुक्त अंतर-राज्य व्यापार की सुविधा, कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग के लिए एक रूपरेखा होगी. वर्तमान में किसान सिर्फ लाइसेंसधारियों को मंडी विनयमित कृषि उपज बेचने के लिए बाध्य हैं.सरकार के मुताबिक अभी केवल लाइसेंस प्राप्त खरीदारों के लिए बिक्री का ऐसा प्रतिबन्ध किसी भी औद्योगिक उपज के लिए नहीं है. इससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है.

साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने के लिए एक लाख करोड़ के एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की वित्तीय सुविधा लाने का भी फैसला किया. तय किया गया है कि किसानों के लिए नई योजना "वोकल फॉर लोकल विथ ग्लोबल आउटरीच" सोच के साथ माइक्रो फ़ूड इंटरप्राइजेज के लिए 10000 करोड़ की योजना होगी.

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एसेंशियल कमोडिटीज कानून में अहम संशोधन करने का भी फैसला किया गया है. इसके तहत अनाज सहित कृषि खाद्य सामग्री, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू को नियंत्रण-मुक्त किया जाएगा.