बर्थडे के बहाने 23 बच्चों को आरोपी ने बुलाया घर और फिर बनाया बंधक, 11 घंटे ऑपरेशन चला यूपी पुलिस ने बचाया- जानें पूरी दास्तां

उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने करीब दस घंटे की मशक्कत के बाद फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले में गुरुवार को बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों को छुड़ा लिया.

बर्थडे के बहाने 23 बच्चों को आरोपी ने बुलाया घर और फिर बनाया बंधक, 11 घंटे ऑपरेशन चला यूपी पुलिस ने बचाया- जानें पूरी दास्तां

यूपी पुलिस ने 23 बच्चों को सुरक्षित बचाने के लिए 11 घंटे चलाया ऑपरेशन

खास बातें

  • दहशत में कटे 23 बच्चों के 11 घंटे
  • बर्थडे के बहाने 23 बच्चों को बुलाया घर और फिर बना लिया बंधक
  • यूपी पुलिस ने प्लान बनाकर सिरफिरे को किया ढेर
फर्रुखाबाद:

उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने करीब दस घंटे की मशक्कत के बाद फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले में गुरुवार को बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों को छुड़ा लिया. पुलिस की इस कार्रवाई में आरोपी को भी ढेर कर दिया. इस ऑपरेशन को पूरा करने के लिए पुलिस ने कुल 11 घंटे लिया. आरोपी शख्स की पहचान सुभाष बाथम के रूप में हुई. पूरा मामला फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव का है. सुभाष ने गुरुवार को अपने बच्चे के जन्मदिन के बहाने आस-पास के बच्चों को घर में बुलाया और फिर अपनी बीवी और बच्चे समेत सभी बच्चों को बेसमेंट में बंद कर दिया था. बता दें कि यह आरोपी हत्या का दोषी है और हाल ही में पैरोल पर बाहर आया था.

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11 घंटे में पुलिस ने कैसे दिया अंजाम-

आरोपी शख्स सुभाष बाथम ने बेटी के जन्मदिन पर बच्चों को घर बुलाया. बाथम के घर पर आयोजित बर्थडे पार्टी में बच्चे पहुंचे. सुभाष ने छत पर पहुंचकर बताया कि उसने बच्चों को बंधक बना लिया है. गांव वालों ने एक व्यक्ति को सुभाष से बात करने भेजा, बदमाश ने उसके पैर में गोली मार दी. इसी बीच पुलिस को सूचना दी गई, 30 मिनट बाद पुलिस फ़ोर्स पहुंची. पुलिस ने सुभाष से बातचीत शुरू की और फिर आरोपी ने फायरिंग की, जिसमें 2 पुलिसकर्मी घायल हुए. इसी दौरान मुहम्मदाबाद के एसएचओ को भी चोट लगी.

फर्रुखाबाद: बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों को छुड़ाया गया, यूपी पुलिस ने आरोपी को किया ढेर

आरोपी ने घर के अंदर से हथगोला (लो रेडिएंट बम) फेंका. तार के ज़रिए घर के बाहर की दीवाल गिरा दी और एसएचओ को काफी चोट लगी. डीएम-एसपी मौके पर पहुंचे. आरोपी ने स्थानीय विधायक को बुलाने की मांग की. इसी बीच आरोपी ने दोबारा फायर किया. उच्च अधिकारियों को हालात की जानकारी दी गई. आरोपी के पास हथियार होने के चलते खतरे का अंदेशा भी जताया गया. डीजीपी ने एटीएस टीम को मौके पर पहुंचने का आदेश दिया एनएसजी से भी संपर्क किया गया.

यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तमाम आला अधिकारियों की बैठक बुलाई. डीजीपी और एसीएस होम को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया. एटीएस की टीम मौके पर पहुंची, घर को घेरा गया. लोकल पुलिस के साथ एटीएस की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. पुलिस ने कुछ लोगों के ज़रिए बातों में सुभाष को फंसाया और पीछे के दरवाजे से अंदर दाखिल हुई और ऑपरेशन में सुभाष मारा गया. सुभाष की एक साल की बच्ची है जिसे लोकल प्रशासन ने सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है. रात में करीब एक बजे रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हुआ.

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पुलिस ने बताया कि सुभाष के पास इतना गोली बारूद था कि वो 2 दिन तक पुलिस से मुकाबला कर सकता था, 25-30 गोलियां, एक कंट्री मेड तमंचा, एक राइफल और बड़ी संख्या में बारूद था, सुभाष ने कई सारे सुतली बम बना रखे थे और वो तहखाने में एक साथ सबको उड़ाने की धमकी भी दे रहा था. सुभाष को करीब 2 महीने पहले बेल मिली थी. हत्या, आर्म्स एक्ट केस और कई सारे मुकदमे थे. आपराधिक प्रवृत्ति होने के कारण सुभाष से लोग कम बात करते थे. सुभाष अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को खत्म करने की बात कह रहा था और पुलिस को इसी के जरिए ब्लैकमेल कर रहा था, बच्चों की सकुशल से रेस्क्यू हो, इसके लिए इतना वक़्त लगा.