लोकसभा ने बिना चर्चा ही, हंगामे के बीच वित्त और विनियोग विधेयक को मंजूरी दी

हाल के वर्षो में संभवत: यह पहला मौका है जब पूरा बजट बिना चर्चा के लोकसभा में पारित हुआ हो. सदन ने ध्वनिमत से विपक्ष के विभिन्न कटौती प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया, साथ ही 21 सरकारी संशोधनों को पारित किया.

लोकसभा ने बिना चर्चा ही, हंगामे के बीच वित्त और विनियोग विधेयक को मंजूरी दी

लोकसभा ने बिना चर्चा ही, हंगामे के बीच वित्त और विनियोग विधेयक को मंजूरी दी (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

लोकसभा ने आज बिना चर्चा के ही, हंगामे के बीच वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी. इससे पहले विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की 99 मांगों को ‘गिलोटिन’ के जरिये मंजूरी दी गई. हाल के वर्षो में संभवत: यह पहला मौका है जब पूरा बजट बिना चर्चा के लोकसभा में पारित हुआ हो. सदन ने ध्वनिमत से विपक्ष के विभिन्न कटौती प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया, साथ ही 21 सरकारी संशोधनों को पारित किया.

इसके बाद वित्त और विनियोग विधेयक 2018 को राज्यसभा को भेजा जाएगा. चूंकि यह धन विधेयक है, ऐसे में राज्यसभा में इनके 14 दिन में मंजूर नहीं होने की स्थिति में भी इन्हें पारित माना जायेगा. उसके बाद इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिये भेजा जायेगा. लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 पेश किया.

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच लोकसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक को पारित किया गया. हंगामे के बीच वित्त एवं विनियोग विधेयक पारित किये जाने के विरोध में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राकांपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.

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सदस्यों के शोर शराबे के दौरान ही सदन ने 2017-18 के अनुदान की अनुपूरक मांगों के चौथे बैच और इससे संबंधित विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 पारित होने के बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी.

इनपुट- भाषा


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