करप्‍शन चार्ज में एसीबी चीफ पर हो सकती है एफआईआर, दफ्तर में RAC जवान तैनात

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच के प्रमुख मुकेश मीणा पर उनके ही एसीबी में एफआईआर दर्ज हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के पास जो मीणा के बारे शिकायत आई है उसे वह विजिलेंस विभाग में भेजेगी, जिसके बाद ये कार्रवाई हो सकती है।

एसीबी दफ्तर में RAC जवान तैनात
इसी बीच, दिल्ली एसीबी दफ्तर में राजस्थान सशस्त्र पुलिस दल (आरएसी) के जवान तैनात किए गए हैं। दफ्तर में आरएसी के एक हवलदार और चार सिपाहियों की तैनाती की गई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की जानकारी के बिना यह  तैनातियां हुई है। वैसे, एसीबी दफ्तर में केवल दिल्ली पुलिस के ही जवान तैनात होते हैं, क्योंकि ब्रांच में अभी तक सारे अफसर दिल्ली पुलिस के ही होते थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब भ्रष्‍टाचार निरोधक शाखा में राजस्थान से तैनाती की गई हो।

रिटायर्ड दिल्‍ली पुलिस इंस्‍पेक्‍टर ने लगाए घोटाले के आरोप
दिल्ली एसीबी में चीफ जॉइंट सीपी मुकेश मीणा पर एक रिटायर्ड दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर जवाहर लाल ने करप्शन का आरोप लगाया है। आरोप है कि जब मीणा 2005 में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल थे तब 20 लाख के परदों घोटाला किया था, जिसमें फर्जी बिल लगाए गए थे और जिन कंपनियों से परदे की खरीद दिखाई गई वह थी ही नहीं।

डडवाल और पॉल ने भी की थी कार्रवाई की सिफारिश
शिकायतकर्ता और दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर जवाहर लाल का कहना है इस मामले में जब उस समय जांच हुई तो तत्कालीन पुलिस कमिश्नर रहे वाईएस डडवाल और केके पॉल ने भी मीणा पर कार्रवाई की सिफारिश की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई, क्योंकि मीणा ने सब मैनेज कर लिया।

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दिल्ली सरकार के सूत्र ये भी बता रहे हैं कि पहली नज़र में देखने पर ऐसा लग रहा है कि तत्कालीन दिल्ली सरकार के कुछ उच्च स्तरीय अधिकारियों की मिलीभगत से इस मामले को दबाने की कोशिश की गई इसलिए ये भी शक के दायरे में हैं।