सत्रहवीं लोकसभा का पहला सेशन सन 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र : ओम बिरला

संसद की कुल 37 बैठकें हुईं जो 280 घंटे तक चलीं, कुल 539 सदस्यों ने सदस्यता की शपथ ली और कुल 36 विधेयक पारित हुए

सत्रहवीं लोकसभा का पहला सेशन सन 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र : ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (फाइल फोटो).

खास बातें

  • सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र समाप्त, समग्र उत्पादकता 125 प्रतिशत
  • जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की धाराओं को हटाने का संकल्प पारित
  • जम्मू-कश्मीर को दो यूटी में बांटने, तीन तलाक विरोधी विधेयक पास
नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा के पहले सत्र की समाप्ति के अवसर पर कहा कि इस सत्र के दौरान कुल 37 बैठकें हुईं जो 280 घंटे तक चलीं. इस दौरान कुल 539 सदस्यों ने सदस्यता की शपथ ली तथा कुल 36 विधेयक पारित हुए. जम्मू और कश्मीर राज्य के बारे में संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित सांविधिक संकल्प तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पारित पारित किया गया. इस सत्र का सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि इस बार 265 नवनिर्वाचित सदस्यों को सभा में अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को उठाने का अवसर प्राप्त हुआ जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि यह 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है.

ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र की समग्र उत्पादकता 125 प्रतिशत रही जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि 18 जुलाई को 161 सदस्यों को बोलने का अवसर प्रदान किया गया जो अपने आप में अभूतपूर्व है.

सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र मंगलवार को संपन्न हो गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सत्र सात अगस्त तक प्रस्तावित था, लेकिन सरकार के आग्रह पर इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

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उन्होंने कहा कि 17 जून से छह अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली. बिरला ने कहा कि इस सत्र में कोई व्यवधान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इस सत्र में कुल 33 सरकारी विधेयक विचार के लिए पेश किए गए और 36 विधेयक पारित किए गए. उन्होंने कहा कि इस सत्र में जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने संबंधित दो संकल्पों, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, तीन तलाक विरोधी ‘मुस्लिम महिला अधिकार (संरक्षण) विधेयक-2019', मोटरयान संशोधन विधेयक-2019, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2019 और मजदूरी संहिता विधेयक प्रमुख हैं.

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ओम बिरला ने कहा कि कुल 265 नवनिर्वाचित सदस्यों में से अधिकतर सदस्यों को शून्य काल अथवा किसी न किसी विधेयक पर चर्चा में बोलने या प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न पूछने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि 46 नवनिर्वाचित महिला सदस्यों में से 42 को सदन में अपनी बात रखने का अवसर मिला.

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(इनपुट भाषा से भी)