बिहार-असम में बाढ़ से 53 लोगों की मौत, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया 'भयावह' संकट

बिहार-असम में बाढ़ से 53 लोगों की मौत, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया 'भयावह' संकट

खास बातें

  • बाढ़ संकट में असम में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है
  • बिहार में बाढ़ जनित समस्याओं से 26 लोगों की मौत हो चुकी है
  • बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है और लोग नावों पर रह रहे हैं
गुवाहाटी:

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह बाढ़ का जायजा लेने के लिए शनिवार को असम दौरे पर हैं. मौजूदा बाढ़ संकट में अब तक राज्य में 27 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ ने बिहार में भी काफी नुकसान पहुंचाया है. बिहार में अब तक बाढ़ जनित समस्याओं से 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 25 लाख प्रभावित हुए हैं.

असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेश्रण करने और मोरिगांव जिले में पीड़ितों से मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने कहा, 'हालात भयावह हैं.' उन्होंने कहा, 'पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाया गया है और लोग सरकार की तत्परता से संतुष्ट हैं.'

बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सवाल पर गृहमंत्री ने कहा कि बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से समस्या का हल थोड़े ही हो जाएगा. बल्कि इस तरह की भयावह बाढ़ से निपटने के लिए एक्शन प्लान की जरूरत है.

राजनाथ सिंह ने शनिवार को नगांव, मोरीगांव और काजीरंगा नेशनल पार्क का हवाई सर्वेक्षण किया और इस दौरान उनके साथ गृहराज्य मंत्री किरेन रिजिजू और उत्तर-पूर्व के राज्यों के विकास के लिए जिम्मेदार जितेंद्र सिंह भी थे.

सेना ने ट्वीट किया, 'बिहार और असम में जमीनी स्तर पर राहत-बचाव कार्य के लिए सेना की 9 आर्मी टुकड़ियों को तैनात किया गया है. 2000 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है.'

बिहार के 10 जिलों पुर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल और गोपालगंज के 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

असम भीषण बाढ़ की चपेट में है. राज्य के 22 जिलों में कम के कम 18 लाख लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं. 3300 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

असम की बाढ में लखीमपुर, गोलाघाट, जोरहाट, बोंगेगांव, देमाजी, बारपेटा, गौलपारा, धुबरी, डर्रांग, मोरिगांव, सोनितपुर, नलबारी, सिवसागर, कोकराझार, डिब्रुगढ़, तिनसुकिया, बिस्वनाथ, कमरूप मेट्रोपोलिटन, चिरांग, नगांव, कामरूप और दक्षिण कामरूप जिले बुरी तरह प्रभावित हैं.

बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है और लोग नावों पर रह रहे हैं. वे नावों पर ही खाना पका, खा और सो रहे हैं.


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