निर्मला सीतारमण ने बीजेपी नेताओं, मोर्चा प्रमुखों, प्रवक्तओं से बजट 2020 से पहले चर्चा की
खास बातें
- पीएम मोदी की बैठक में नहीं नजर आईं निर्मला सीतारमण
- कांग्रेंस ने सीतारमण की गैरमौजूदगी को लेकर उठाए सवाल
- सीतारमण दफ्तर ने बताया, वह पार्टी के अधिकारियों संग कर रहीं थी चर्चा
नई दिल्ली: Budget 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विकास व रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों के मद्देनजर 30 से ज्यादा उद्योग विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों के साथ दो घंटे तक बैठक की. सूत्रों के अनुसार, मोदी ने पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर अर्थशास्त्रियों को संबोधित किया. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खपत व मांग बढ़ाने के लिए सुझाव लिए. गृहमंत्री अमित शाह, वाणिज्यि मंत्री पीयूष गोयल व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे. लेकिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक में मौजूद नहीं थीं. इस विषय पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा तो वहीं बीजेपी ने ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों सहित सभी मोर्चा प्रभारियों और प्रवक्ताओं के साथ बैठक कर बजट से संबंधित सुझाव लिए.
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वहीं कांग्रेस ने नीति आयोग की बैठक की तस्वीर शेयर करते हुए तंज किया, "एक महिला के जिम्मे जो काम है, उसे पूरा करने के लिए कितने पुरुष मौजूद हैं." कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगली बार बजट से पहले होने वाली बैठक में निर्मला को भी बुलाया जाए. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, "यहां एक सुझाव है. अगली बार बजट से पहले होने वाली बैठक में वित्त मंत्री को भी आमंत्रित करने के बारे में विचार किया जाए."
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निर्मला सीतारमण की गैरमौजूदगी के सवालों का जवाब सीतारमण ऑफिस के जरिए भी दिया गया, जहां जानकारी दी गई कि मंत्री जी पहले ही उद्योगपतियों और विशेषज्ञों के साथ प्री बजट बैठक कर परामर्श चुकी हैं. और पीएम मोदी की अगुवाई में हो रही बैठक के दौरान वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों सहित सभी मोर्चा प्रभारियों और प्रवक्ताओं के साथ बैठक कर बजट से संबंधित सुझाव ले रहीं थीं.
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वित्त मंत्री के दफ्तर के अनुसार निर्मला सीतारमण पार्टी के अधिकारियों के साथ पूर्व निर्धारित बैठक को कैंसिल नहीं कर सकती थीं, उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री के दफ्तर को जानकारी दे दी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने ही वित्त मंत्री को सुझाव दिया कि वह इस मीटिंग के बजाय दूसरी मीटिंग का हिस्सा बनें. बता दें बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा.