यह ख़बर 20 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जनरल वीके सिंह पर रिपोर्ट परखेगी सरकार, विपक्ष ने उंगली उठाई

खास बातें

  • सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह द्वारा गुप्तचरी के लिए आवंटित कोष की बंदरबांट करने पर एक आंतरिक रिपोर्ट को 'भलीभांति परखने' के बाद कार्रवाई करेगी।
नई दिल्ली:

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह द्वारा गुप्तचरी के लिए आवंटित कोष की बंदरबांट करने पर एक आंतरिक रिपोर्ट को 'भलीभांति परखने' के बाद कार्रवाई करेगी। विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया है कि सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने के कारण निशाना बनाया जा रहा है।

जनरल सिंह पर की गई सेना की एक जांच के हवाले से मीडिया में रिपोर्ट आई है। मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक जनरल सिंह ने कोष का दुरुपयोग जम्मू एवं कश्मीर सरकार को अस्थिर करने में किया। इस मामले में चुप्पी साधे रहने के बाद रक्षा मंत्रालय ने चार पैरा का एक बयान जारी किया।

इस मुद्दे को लेकर अनुमान के मुताबिक कांग्रेस और संसद में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आमने-सामने आ गई है। भाजपा ने इसे राजनीतिक हथकंडा करार दिया और कांग्रेस ने विपक्ष के आरोप को सिरे से खारिज किया है। वामपंथियों ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है।

अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा है, "सरकार को सेना मुख्यालय से कुछ मुद्दों पर रिपोर्ट मिली है जिससे संबंधित एक पर शुक्रवार को मीडिया के कुछ हिस्सों में खबर आई है।"

रक्षा मंत्रालय ने कहा है, "रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा पर आघात को उजागर किया गया है इसलिए सरकार रिपोर्ट का गंभीरता से परीक्षण करने के बाद ही कोई फैसला लेगी और आगे की कार्रवक्ष्र अमल में लाएगी।"

बयान में आगे कहा गया है, "सरकार ऐसी अवांछित गतिविधियों को रोकने के उपाय अमल में ला रही है।" बयान में यह भी साफ किया गया है कि मंत्रालय ने 'सेना की रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।'

मीडिया में आई खबर अधिकारियों के एक बोर्ड की जनरल सिंह के कार्यकाल के दौरान सैन्य खुफिया के तकनीकी सेवा प्रभाग (टीएसडी) की जांच रिपोर्ट पर आधारित है।

मीडिया की खबरों में कहा गया है कि रिपोर्ट में टीडीएस को सीबीआई की निगरानी के दायरे में लाने की मांग की गई है।

समाचार पत्र में आई रिपोर्ट के मुताबिक जनरल सिंह ने सेना में शीर्ष स्तर पर उत्तराधिकार में बदलाव लाने के लिए एक एनजीओ को भी पैसे दिए थे।

जनरल सिंह के करीबी लोगों ने इसके बचाव में दलील दी है कि वे इस मुद्दे पर कानूनी उपाय की तलाश कर रहे थे।

ले. जनरल (सेवानिवृत्त) राज कादियां ने इस मुद्दे को पूर्व सेनाध्यक्ष के खिलाफ 'व्यक्तिगत दुश्मनी' साधना करार दिया है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि गुप्तचरी सेवा के आवंटित कोष का जनरल सिंह द्वारा दुरुपयोग से संबंधित रिपोर्ट पर 'सरकार सक्रियता से विचार कर रही है' और दोषी के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा, "उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि रेवाड़ी की रैली में वे नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर जा बैठे।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है और गलत परंपरा स्थापित कर रही है। पहले से विश्वास टूटा हुआ है और पार्टी को निशाना बनाने की चालाकी छोड़ देनी चाहिए।"