अपनी क्‍लास, लैब और टीचर्स भी नहीं पहचान सके जितेंद्र तोमर

अपनी क्‍लास, लैब और टीचर्स भी नहीं पहचान सके जितेंद्र तोमर

जितेंद्र तोमर को ले जाती पुलिस...

नई दिल्ली:

दिल्‍ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की फर्जी डिग्री मामले में दिल्‍ली पुलिस ने रोहिणी के सेक्‍टर-8 स्थित एक इंस्‍टीट्यूट में छापेमारी की है। यूनिवर्सल नामक इस इंस्‍टीट्यूट पर पुलिस को शक है कि यहीं से तोमर की फर्जी डिग्री जारी हुई। इंस्‍टीट्यूट की मालकिन फरार बताई जा रही है। उधर, चार दिन की पुलिस रिमांड पर चल रहे जितेंद्र तोमर को दिल्ली पुलिस फर्जी डिग्री की जांच के लिए दोबारा यूपी के फैजाबाद स्थित साकेत कॉलेज लेकर पहुंची।

इससे पहले मंगलवार को भी पुलिस तोमर को यूपी के राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय ले गई थी, जहां से उन्होंने बीएससी की डिग्री लेने का दावा किया था, लेकिन तोमर न तो पुलिस को विश्वविद्यालय की फिजिक्स लैब दिखा सके और न ही उन शिक्षकों को पहचान सके, जिन्होंने 1987-1988 के बीच बीएससी के छात्रों को पढ़ाया था। विश्वविद्यालय ने भी उनके दावे को ख़ारिज कर दिया। झांसी के बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि तोमर का माइग्रेशन सर्टिफिकेट फर्जी है।

जितेंद्र तोमर का दिल्ली से फैजाबाद तक के सफर में ये आया सामने

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर ने पुलिस हिरासत में दिल्ली से फैजाबाद का सफर तय किया। यहां पुलिस उन्हें राम मनोहर लोहिया विश्‍वविद्यालय ले गई। तोमर का दावा है कि उन्होंने 1988 में यहां से बीएससी की, जिसकी डिग्री 2011 में निकाली। लेकिन जब पुलिस ने तोमर का विश्‍वविद्यालय के अधिकारियों से सामना कराया तो तोमर कोई ठोस दलील नहीं दे सके।

अवध विश्‍वविद्यालय के प्रवक्ता यू.एन. शुक्ला ने तोमर के दावे को खारिज करते हुए फिर कहा कि विश्‍वविद्यालय में तोमर की डिग्री से जुड़ा कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं है यानी स्नातक की डिग्री फर्जी है।

हिरासत का सीसीटीवी फुटेज आया सामने
इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें ये दिख रहा है कि दिल्ली पुलिस ने किस तरह उन्हें दफ़्तर से हिरासत में लिया। तस्वीरों से ये भी साफ है कि उन्हें हिरासत में लेते समय जोर जबरदस्ती नहीं की गई। अब पुलिस कह रही है कि अगर जितेंद्र तोमर ने कहीं से फ़र्ज़ी डिग्री जुटाई है तो उसके पीछे एक रैकेट भी हो सकता है।

फर्जी डिग्री के पीछे किसी बड़े गिरोह के हाथ की आशंका
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने बताया कि अगर तोमर ने ये डिग्री किसी से ली है तो उस गैंग की पूरी जांच की जाएगी हो सकता है इस गिरोह ने कई लोगों को इस तरह की फर्जी डिग्रियां मुहैया कराईं हो।

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फैजाबाद के बाद पुलिस तोमर को बिहार के मुंगेर और भागलपुर ले जाएगी, जहां उनकी लॉ की डिग्री की तस्दीक की जाएगी। वहीं झांसी के बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि तोमर का माइग्रेशन सर्टिफिकेट फर्जी है। वहीं तोमर अब भी दावा कर रहे हैं कि उनकी लॉ और स्नातक की डिग्री फर्जी नहीं है, उनका कहना है कि ये पूरी साजिश केंद्र सरकार की है।