गुजरात दंगों के मामले में कोडनानी और बजरंगी को दोषी ठहराने वाली पूर्व जज को मिल रही है धमकियां

नरोदा पाटिया दंगों की दोषी माया कोडनानी की फाइल फोटो

अहमदाबाद:

गुजरात के 2002 के दंगों के नरोदा पाटिया मामले में राज्य की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी और वीएचपी के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी ठहराने वाली रिटायर्ड जज ज्योत्सना याग्निक ने हाल ही में शिकायत की है कि उनको फोन और चिट्ठी के जरिये धमकियां मिली हैं।

राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) जी आर आलोरिया ने कहा, 'इस मुद्दे को खुफिया महानिदेशक (डीजी) प्रमोद कुमार देखेंगे। याग्निक ने हमें धमकियों के बारे में चिट्ठी लिखी था। सुरक्षा पुख्ता करने के उनके आग्रह को डीजी के पास भेज दिया गया है।'

आलोरिया ने कहा, 'इस पर डीजी के फैसले के बाद वह पूर्व न्यायाधीश की सुरक्षा पर एक प्रस्ताव राज्य सरकार के समक्ष रखेंगे।'

गृह विभाग के अनुसार याग्निक को लंबे वक्त से धमकियां मिल रही थी और उन्होंने अपने लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा का आग्रह किया था। फिलहाल उनको वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।

इस बारे में संपर्क किए जाने पर याग्निक ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसको लेकर पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

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याग्निक ने नरोदा पाटियां दंगों के मामले में अगस्त, 2012 में माया और बजरंगी सहित 31 लोगों को दोषी ठहराया था। नरोदा पाटिया की घटना में 97 लोग मारे गए थे। माया कोडनानी को 28 साल और बजरंगी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।