पूर्व जज मार्कंडेय काटजू बोले- पीएम हों या सीएम, सब जनता के नौकर, जनता को आलोचना का अधिकार

पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे उपर है, फिर वो चाहे पीएम हों या सीएम.

पूर्व जज मार्कंडेय काटजू बोले- पीएम हों या सीएम, सब जनता के नौकर, जनता को आलोचना का अधिकार

पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने जनता को सर्वोच्च बताया है.

खास बातें

  • पूर्व जज काटजू ने कहा लोकतंत्र में जनता सबसे उपर
  • पीएम हों या सीएम, सभी जनता के नौकर हैं
  • लोकतंत्र में जनता को सभी की आलोचना का अधिकार
नई दिल्ली :

पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे उपर है, फिर वो चाहे पीएम हों या सीएम. मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने ट्वीट कर कहा, '' किसी भी लोकतंत्र में जनता सभी अथॉरिटी से उपर है, फिर चाहे वो राष्ट्रपति हों, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जज, विधायक, ब्यूरोक्रेट, पुलिस, सेना हो या अन्य कोई. ये सभी जनता के नौकर हैं''. मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने आगे लिखा, ''चूंकि जनता मास्टर है और जज उनके सेवक, इसलिये जनता ठीक उसी तरह जजों की भी आलोचना कर सकती है, जिस तरह मास्टर को अपने नौकर की आलोचना का अधिकार होता है''.

आपको बता दें कि पिछले दिनों ही मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने के फैसले पर चुटकी ली थी. कोर्ट के फैसले पर मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ''मैं अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई सिरा ही समझ नहीं पा रहा हूं. इसलिये मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि- जय रंजन गोगोई.'' काटजू ने आगे एक और ट्वीट कर कहा, ''क्या कोई मुझे बता सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने मीडिएशन करने का आदेश दिया है या फिर मेडिटेशन या मेडिकेशन? मैं समझ नहीं पा रहा हूं'' 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्यस्थता के जरिए अयोध्या( Ayodhya) में राम मंदिर केस(Ram Mandir Case) का समाधान करने को कहा है. देश की सर्वोच्च अदालत ने दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए केस का समाधान करने के लिए कुल तीन मध्यस्थ (Mediator) का पैनल नियुक्त किए हैं. जिनमें एक मध्यस्थ सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश  जस्टिस कलीफुल्ला (Kalifulla) हैं तो दूसरे वकील श्रीराम पंचू (Sriram Panchu) और मीडिएटर हैं, जबकि तीसरे मध्यस्थ आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर हैं. इस पैनल की अध्यक्षता जस्टिस कलीफुल्ला करेंगे. 

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