नॉर्वे के पूर्व पीएम ने किया कश्मीर और पीओके का दौरा, उमर ने पूछा- ये यहां क्या कर रहे हैं?

श्री श्री रवि शंकर के संगठन की ओर से बुलाए गए बोंडेविक ने पिछले सप्ताह हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात की.

नॉर्वे के पूर्व पीएम ने किया कश्मीर और पीओके का दौरा, उमर ने पूछा- ये यहां क्या कर रहे हैं?

के. मंगने बोंडेविक अभी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हैं.

खास बातें

  • मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी से की मुलाकात
  • मुलाकात के बाद उठे कई सवाल
  • अभी पीओके में हैं नार्वे के पूर्व पीएम
श्रीनगर:

नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री के. मंगने बोंडेविक की कश्मीर यात्रा और उनकी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात से विवाद पैदा हो गया है. श्री श्री रवि शंकर के संगठन की ओर से बुलाए गए बोंडेविक ने पिछले सप्ताह हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात की. अभी वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हैं और मुजफ्फराबाद में वहां के 'राष्ट्रपति' मसूद खान से मुलाकात की. इस पर नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने के. मंगने बोंडेविक की कश्मीर यात्रा पर चीजें साफ करने को कहा है. 

उमर ने एक ट्वीट में कहा, ‘नॉर्वे के नेता कश्मीर में क्या कर रहे हैं? क्या (विदेश मंत्री) सुषमा स्वराज जी या (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजीत डोभाल जी नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री की यात्रा सही परिप्रेक्ष्य में विभाजित राज्य के दोनों ओर (कश्मीर और पाक के कब्जे वाले कश्मीर) कराने की सोच रहे हैं, या हमें अफवाहों और कयासों पर भरोसा करना चाहिए.'

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नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री ने बीते शुक्रवार को वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं - सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक - से मुलाकात की थी. अलगाववादियों ने एक बयान में कहा कि गिलानी और मीरवाइज ने पूर्व प्रधानमंत्री से कहा कि चूंकि उनके देश (नॉर्वे) का संघर्ष का समाधान करने में सकारात्मक भूमिका निभाने का इतिहास रहा है, इसलिए नॉर्वे सरकार को कश्मीर के जटिल मुद्दे का हल करने की गंभीर कोशिश करनी चाहिए ताकि लोगों की परेशानी कम हो सके और दक्षिण एशिया में स्थायी शांति सुनिश्चित हो सके. 

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बयान के मुताबिक अलगाववादी नेताओं ने बोंडेविक को कश्मीर की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी और इसे बहुत ही संवेदनशील तथा नाजुक बताया. बयान में दावा किया गया है कि बोंडेविक नीत शिष्टमंडल ने अलगाववादी नेताओं को भरोसा दिलाया कि वे यह सुनिश्चित कराने की कोशिश करेंगे कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सतत और नतीजे देने वाली वार्ता शुरू हो ताकि कश्मीर मुद्दे का सौहार्द्रपूर्ण हल निकल सके.
(इनपुट- भाषा)

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