पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बोले, फेक न्यूज सबसे बड़ा खतरा, मीडिया को सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछना चाहिए

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने रविवार को कहा कि सत्ता में बैठे लोग जनता से सीधे संपर्क में होते हैं, ऐसे में मीडिया को उनसे सवाल पूछना चाहिए.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बोले, फेक न्यूज सबसे बड़ा खतरा, मीडिया को सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछना चाहिए

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग जनता से सीधे संपर्क में होते हैं, ऐसे में मीडिया को उनसे सवाल पूछना चाहिए.

खास बातें

  • पूर्व राष्ट्रपति ने कहा- सत्ता में बैठे लोग जनता के संपर्क में होते हैं
  • ऐसे में मीडियो को उनसे सवाल पूछना चाहिए
  • पूर्व राष्ट्रपति ने फेक न्यूज को बताया बड़ा खतरा
नई दिल्ली :

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने रविवार को कहा कि सत्ता में बैठे लोग जनता से सीधे संपर्क में होते हैं, ऐसे में मीडिया को उनसे सवाल पूछना चाहिए. उन्होंने कहा कि वास्तविक लोकतांत्रिक समाज की रक्षा के लिये यह जरूरी है. ‘‘भारतीय लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका'' विषय पर अपने संबोधन में उन्होंने ये बातें कहीं. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सांप्रदायिक बयानों के प्रति संवेदनशीलता बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने फर्जी खबरों को ‘‘आज का सबसे बड़ा खतरा'' बताया और कहा कि इसका इस्तेमाल सामाजिक, राजनीतिक और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए किया जाता है. आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी (Dr. Pranab Mukherjee) पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर के नागपुर में आयोजित समापन समारोह में शामिल हुए थे. डॉ. मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा भी हुई.

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कहा गया कि डॉ. मुखर्जी के RSS के कार्यक्रम में शामिल होने तथा उनके दिए भाषण से RSS को लाभ होगा. RSS के मुखपत्र 'ऑर्गेनाइज़र' के पूर्व संपादक, BJP के राष्ट्रीय बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक तथा BJP की केंद्रीय प्रशिक्षण समिति व प्रकाशन समिति के सदस्य डॉ आर बालशंकर ने कहा कि विज़िटर्स बुक में RSS के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार को 'भारत माता का महान सपूत' लिखा जाना ऐसा दुर्लभ अवसर है, जब एक राष्ट्रीय नेता ने राष्ट्रनिर्माण में डॉ हेडगेवार के योगदान को स्वीकार किया है. डॉ आर बालशंकर के अनुसार, डॉ मुखर्जी के स्वागत में दिखाई गई गर्मजोशी तथा RSS प्रमुख (सरसंघचालक) मोहन भागवत व पूर्व राष्ट्रपति के बीच दिखी कैमिस्ट्री को लेकर लम्बे अरसे तक बहस की जाती रहेगी, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति ने नागपुर पहुंचकर जो संदेश दिया है, उससे राष्ट्रीय अस्मिता के मामले में RSS नई ऊंचाइयों को छू गया है. (इनपुट- भाषा से भी)

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