यह ख़बर 26 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बातचीत को तैयार, किसान मायूस

खास बातें

  • ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कहा कि वह किसानों के साथ नए सिरे से बातचीत करने को तैयार है।
ग्रेटर नोएडा:

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कहा कि वह किसानों के साथ नए सिरे से बातचीत करने को तैयार है और उसे किसानों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण, किसानों, बिल्डरों एवं ग्राहकों को अदालत से बाहर मामला निपटाने के लिए 12 अगस्त तक का समय दिया। हालांकि, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसानों द्वारा दायर सभी याचिकाओं को एक बड़ी पीठ को रेफर करने के उच्च न्यायालय की खंडपीठ के निर्णय से किसान मायूस दिखे और उन्होंने कहा कि वे अपनी भूमि के लिए बाजार मूल्य से कम पर राजी नहीं होंगे। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामा रमण ने कहा, हम किसानों से बातचीत करेंगे। उन्हें नई पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा। हमें इस संबंध में किसानों से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। बिसराख, हैबतपुर और अन्य गांवों के किसानों को अपने पक्ष में निर्णय आने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि वह इस चरण में बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों के नेता दुष्यंत नागर ने कहा, किसान मोलभाव नहीं करेंगे। यह पूछे जाने पर कि किसान कितनी कीमत चाहेंगे, नागर ने कहा, हम बाजार मूल्य चाहते हैं। गाजियाबाद के निकट राजनगर एक्सटेंशन में बिल्डरों ने किसानों से 12,000 रुपये प्रति वर्ग यार्ड की कीमत पर जमीन खरीदी। नोएडा एक्सटेंशन के किसान यही दर स्वीकारेंगे।' पटवारी में ग्रामीणों ने कहा कि वे चाहेंगे कि उनकी जमीनें लौटा दी जाएं। न्यायालय ने इस गांव में भूमि अधिग्रहण रद्द कर दिया था।


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