G20 देशों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5,000 अरब डॉलर खर्च करने का ऐलान, पीएम मोदी ने WHO सुधार पर दिया जोर

पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद की तरह महामारी की हालत से लड़ने के लिए वैश्विक सहयोग पर ज़ोर दिया. साथ ही आर्थिक रूप से लड़ने के लिए आपसी सहयोग की बात की. 

G20 देशों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5,000 अरब डॉलर खर्च करने का ऐलान, पीएम मोदी ने WHO सुधार पर दिया जोर

कोरोनावायरस महामारी को लेकर पीएम मोदी ने चिकित्सा अनुसंधान के नि: शुल्क आदान-प्रदान का आह्वान किया.

खास बातें

  • जी20 देशों का वर्चुअल सम्मिट आयोजित किया गया
  • नेताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लिया हिस्सा
  • पीएम मोदी ने भी सम्मिट में हिस्सा लिया
नई दिल्ली:

जी20 देशों के नेताओं ने कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इससे लड़ने के लिये विश्व की अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर खर्च करने का बृहस्पतिवार को ऐलान किया.गुरुवार को G20 का पहला वर्चुअल सम्मिट आयोजित किया गया. इस समिट में कोरोना से लड़ने, अर्थव्यवस्था दुरुस्त करने, सप्लाई चेन के बहाल करने और वैश्विक सहयोग जैसे मुद्दों पर सहमति बनी. समिट में मेडिकल सप्लाई पर ज़ोर दिया गया. साथ ही ऐसी स्थिति से लड़ने के लिये रिसर्च और डेवलपमेंट पर वैश्विक सहयोग पर सहमति बनी. सूत्रों की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद की तरह महामारी की हालत से लड़ने के लिए वैश्विक सहयोग पर ज़ोर दिया. साथ ही आर्थिक रूप से लड़ने के लिए आपसी सहयोग की बात की. पीएम मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को और मजबूत करने और बड़े सुधार की आवश्यकता है. पीएम ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से लड़ना भी संगठन के कार्यक्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए. 

पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक समृद्धि, सहयोग के लिए हमारे दृष्टिकोण के केन्द्र बिंदु में आर्थिक लक्ष्यों के स्थान पर मानव को रखा जाना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने आपस में जुड़ी दुनिया के लिए नए संकट प्रबंधन प्रोटोकॉल और कार्यप्रणाली तैयार करने की हिमायत की. प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर में कहीं अधिक अनुकुल, प्रतिक्रियात्मक और सस्ती मानव स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली का विकास करने की हिमायत की. मोदी ने कहा कि जी-20 को कोरोनावायरस महामारी से उपजी आर्थिक मुश्किलों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए.

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बता दें कि सम्मिट में ज़रूरत पड़ने पर रियाद सम्मिट से पहले फिर मिलने की बात हुई. सूत्रों की मानें तो चीन की भूमिका और उस पर आरोप से जुड़े सवाल पूछे गए. बता दें कि ये पूरी वर्चुअल मीटिंग आपसी सहयोग पर केंद्रित रही. किस तरह से G20 आपस में सहयोग कर सकते हैं. इसमें आरोप प्रत्यारोप नहीं हुए. किसी टाइमलाइन पर कोई बात नहीं हुई क्योंकि सारे तरह के प्रतिबंध अस्थायी हैं. सम्मिट में तय हुआ कि स्थिति में सुधार होते हैं सब प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे. टेस्टिंग किट पर सभी देश सहमत हुए कि ऐसे टेस्ट किट विकसित किए जाएं तो ज़्यादा जल्दी नतीजे दें. इसके अलावा गुरुवार को सार्क हेल्थ प्रोफेशनल्स की वीडियो कांफ्रेंस भी हुई. इसमें सभी आठ देशों ने हिस्सा लिया.