कूड़ाघर बनी पूर्वी दिल्ली, गंदगी दे रही बीमारियों को दावत

कूड़ाघर बनी पूर्वी दिल्ली, गंदगी दे रही बीमारियों को दावत

नई दिल्ली:

पूर्वी दिल्ली में कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं कूड़े आधी रोड को घेरे हुए है। सारे कूड़ेदान बजबजा रहे हैं वजह है कि एमसीडी के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और वो अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। अपने देश में सब कुछ राजनीति से ही तय होता है।


एमसीडी पर बीजेपी का कब्जा है और उसे लगता है कि लोग जितने परेशान होंगे केजरीवाल को उतना ही नुकसान होगा, क्योंकि लोग इतनी तकनीकी बातों में नहीं जाते वो अपनी हर असुविधा के लिए सत्तारूढ़ दल को ही जिम्मेवार मानते हैं।


आम आदमी पार्टी को लगता है कि ठीक है लोग परेशान हो रहे हैं तो हों ये राज्य सरकार का काम नहीं है लोग बीजेपी की वजह से परेशान हो रहे हैं।


दिल्ली में नगर निगम के चुनाव दो साल बाद होने हैं और तब तक यह लोगों को झेलना पड़ेगा। बीजेपी यह भी साबित करना चाहती है कि इससे केजरीवाल के बारे में यह भी छवि बनेगी कि उन्हें लोगों की परवाह नहीं है और वो उपराज्यपाल से झगड़ा करने में व्यस्त हैं और केजरीवाल को प्रशासन चलाने में यकीन नहीं है।


खास बात ये है कि पूर्वी दिल्ली के इस इलाके में पटपडगंज भी आता है जहां से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया चुन कर आते हैं।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास पूरे दिल्ली का 8 फीसदी एरिया है जबकि 25 फीसदी दिल्ली की आबादी यहां रहती है। यहां 40 लाख लोग रहते हैं। यहां से रोजाना 2 हजार मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है। 2300 करोड़ का इनका बजट है, जबकि कमाई महज 1000 करोड़।


पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास 12000 सफाई कर्मचारी हैं। हर महीने इन सफाई कर्मचारियों के वेतन पर 92 करोड खर्च आता है। ऐसे में बिना राज्य सरकार की मदद के यह निगम चल ही नहीं सकता।

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम चाहता है कि उसे राज्य सरकार 1000 करोड़ की मदद करे। ऐसे में यहां वेतन न मिलना और उसको लेकर हड़ताल होना आम है और लोगों की परेशानी भी। यदि आज बारिश हो जाए तो यहां के हालात गंभीर हो जाएंगे।