जीडीपी दर बढ़ी, गुजरात चुनाव से पहले मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे उनकी राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए तैयार

जीडीपी दर बढ़ी, गुजरात चुनाव से पहले मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

खास बातें

  • 2017-18 की दूसरी तिमाही में विकास दर 6% दर्ज़ हुई
  • पहली तिमाही में जीडीपी दर घटकर 5.7% रह गई थी
  • 2016-17 की दूसरी तिमाही में जीडीपी दर 7.5% थी
नई दिल्ली:

गुजरात चुनाव से पहले विकास दर में हुई बढ़ोतरी सरकार के लिए बड़ी राहत है. हिंदुस्तान टाइम्स के समिट में आज प्रधानमंत्री ने कहा कि काला धन और भ्रष्टाचार रोकने के लिए उन्होंने जो कदम उठाए हैं. उनकी राजनीतिक कीमत चुकाने को वे तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है. इस साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी दर बढ़कर 6.3 फीसदी हो गई.

इस साल जुलाई से सितंबर के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मिल रही खबरें सरकार के लिए राहत और उम्मीद से भरी हैं. गुरुवार को सरकार के चीफ स्टेटिसटीशियन टीसीए अनंत ने दूसरी तिमाही की जीडीपी के आंकड़े जारी किए. उनके मुताबिक 2017-18 की दूसरी तिमाही में विकास दर 6% दर्ज़ हुई है. पहली तिमाही में जीडीपी दर घटकर 5.7% रह गई थी. यानी जीडीपी की विकास दर में सुधार हुआ है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछली पांच तिमाही में लगातार गिरावट के बाद 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी दर में सुधार हुआ है जो साफ संकेत है कि अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी और जीएसटी का असर खत्म हो रहा है. गुजरात चुनाव से पहले यह निश्चित तौर पर मोदी सरकार के लिए राहत की खबर है.

पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले इस साल की दूसरी तिमाही में कोयला का उत्पादन -4.2% से बढ़कर 8.6% हो गया है. 2017-18 की पहली तिमाही में माइनिंग सेक्टर में विकास दर -0.7% थी जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 5.5% हो गई है. मैन्यूफैक्चरिंग में विकास दर 2017-18 की पहली तिमाही के 1.2% से बढ़कर दूसरी तिमाही में 7% हो गई है. जबकि बिजली, गैस जैसी यूटीलिटी सर्विसेज़ में विकास दर पहली तिमाही के 7% से बढ़कर 7.6% हो गई है.

वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में विकास दर में बड़ी गिरावट के लिए नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार माना गया था. अब इन फैसलों का असर कम होता दिख रहा है. लेकिन चुनौतियां अब भी हैं, आगे की राह आसान नहीं है. पिछले साल के मुकाबले मौजूदा वित्तीय साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर कम है. 2016-17 की दूसरी तिमाही में जीडीपी दर 7.5% थी जो 2017-18 यानी मौजूदा साल में 6.3% है. यानी पिछले साल के मुकाबले इस साल जीडीपी दर 1.2% कम है. साफ है, पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में सुधार ज़रूर है लेकिन अब भी कई सेक्टर हैं जहां विकास दर में सुधार की ज़रूरत है और अर्थव्यवस्था को उबरने में लंबा वक्त लगेगा.

हालांकि इतना ज़रूर है कि गुजरात चुनाव के दौरान आए इन आंकड़ों से सरकार और बीजेपी के रणनीतिकारों का विश्वास जरूर बढ़ा है. पार्टी के अंदर से यशवंत सिन्हा और अन्य नेताओं की तरफ से सवाल उठ रहे थे. सरकार को इस सवालों से अब राहत ज़रूर मिली है.

दिल्ली में एचटी लीडरशिप समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था में ढांचागत सुधार के असर का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर बिल्कुल जमीनी स्तर पर जाकर चीजों को ठीक नहीं किया गया होता, तो क्या ये गति आ पाती? सरकार ये फैसले ले पाती? नहीं, बड़े और स्थाई परिवर्तन ऐसे ही नहीं आते उसके लिए पूरे सिस्टम में बदलाव करने पड़ते हैं."  

प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पहल के लिए वे कोई भी राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "जिस दिन देश में ज्यादातर खरीद-फरोख्त, पैसे के लेन-देन का एक टेक्निकल और डिजिटल एड्रेस होने लग गया, उस दिन से आर्गनाइज्ड करप्शन काफी हद तक थम जाएगा. मुझे पता है, इसकी मुझे राजनीतिक तौर पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन उसके लिए भी मैं तैयार हूं."


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