नीति आयोग के राजीव कुमार को विश्‍वास, 'चौथे क्‍वार्टर में सकारात्‍मक दायरे में आ जाएगी GDP वृद्धि दर'

राजीव कुमार ने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोविड-19 महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है.

नीति आयोग के राजीव कुमार को विश्‍वास,  'चौथे क्‍वार्टर में सकारात्‍मक दायरे में आ जाएगी GDP वृद्धि दर'

राजीव कुमार ने कहा, नए कृषि कानूनों का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है

खास बातें

  • कहा, कृषि कानूनों का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना
  • कोविड प्रकोप के कारण आई गिरावट से उबर रही इकोनॉमी
  • सितंबर की तिमाही में इकोनॉमी में सुधार दर्ज हुआ है
नई दिल्ली:

नीति आयोग (Niti Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने बुधवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था (Economy) कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) के प्रभाव से उबरने लगी है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर सकारात्मक दायरे में पहुंच जाएगी. राजीव कुमार ने एक इंटरव्‍यू में कहा कि केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह गलतफहमी तथा उन तक सही जानकारी नहीं पहुंचना है. इन चीजों को दूर करने की जरूरत है.कुमार ने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोविड-19 महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है. ‘‘मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में हम आर्थिक गतिविधियों का वह स्तर हासिल कर लेंगे, जो एक साल पहले था.''

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उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में जीडीपी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में मामूली वृद्धि हासिल कर लेगी. कुमार ने कहा कि सरकार ने इस समय का इस्तेमाल कई संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने में किया है तथा कई सुधार अभी पाइपलाइन में हैं.कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी का आर्थिक गतिविधियों पर काफी अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक आपदा के समान है और इसका नियमित आर्थिक चक्र से संबंध नहीं है.उन्होंने कहा कि ऐसे में यह कहना है कि अर्थव्यवस्था तकनीकी तौर पर मंदी में है, तर्कसंगत नहीं होगा. सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार दर्ज हुआ है. विनिर्माण गतिविधियां बढ़ने से तिमाही के दौरान जीडीपी में गिरावट काफी कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई है. ऐसे में आगे उपभोक्ता मांग से और सुधार की उम्मीद है.चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी. कृषि कानूनों के विरोध में मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन पर कुमार ने कहा कि यह तथ्य देखने की जरूरत है कि पूरे देश में इन नए कृषि कानूनों को अच्छे तरीके से लिया गया है.

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उन्होंने कहा कि ये तीनो कानून स्पष्ट रूप से किसानों की आमदनी क्षमता बढ़ाने के बारे में है. इनसे किसानों को यह आजादी भी मिलेगी कि वे अपनी उपज कहां और किसे बेचना चाहते है. उन्होंने कहा कि मौजूदा आंदोलन की वजह किसानों तक सही जानकारी नहीं पहुंचना और कुछ गलतफहमियां है. इन्हें दूर किए जाने की जरूरत है.किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत मंगलवार को बेनतीजा रही है. अब दोनों पक्षों के बीच बृहस्पतिवार को फिर बैठक होगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)