जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला, बने देश के 28वें सेना प्रमुख

जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के रूप में जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने मंगलवार को 28वें सेना प्रमुख का पदभार संभाला.

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला, बने देश के 28वें सेना प्रमुख

जनरल मनोज मुकुंद नरवारे ने थल सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला

खास बातें

  • जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने संभाला सेनाध्यक्ष का पदभार
  • देश के 28वें सेना प्रमुख बने
  • अभी तक उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे
नई दिल्ली:

जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के रूप में जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को 28वें सेना प्रमुख का पदभार संभाला. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जनरल बिपिन रावत से सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण किया. जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है. वह बुधवार को CDS का पदभार संभालेंगे. तीन साल के कार्यकाल के बाद वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. अभी तक नरवणे फिलहाल उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे. सितंबर में उप सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले नरवणे सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जो चीन से लगने वाली करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा पर नजर रखती है.

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बता दें, अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे विभिन्न कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवाद रोधी बेहद सक्रिय माहौल में जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं. वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यामांर स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे.

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जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं. वह जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन प्राप्त हुए. उन्हें ‘सेना मेडल', ‘विशिष्ट सेवा मेडल' और ‘अतिविशिष्ट सेवा मेडल' प्राप्त है.