हरियाणा में लड़कियों ने स्कूल का दर्जा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को किया बाध्य

इसके पहले स्कूल की 86 छात्राएं स्कूल का दर्जा बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थीं. ग्राम प्रमुख सुरेश चौहान के अनुसार 13 लड़कियां भूख हड़ताल पर थीं.

हरियाणा में लड़कियों ने स्कूल का दर्जा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को किया बाध्य

रेवाड़ी:

हरियाणा के एक गांव में 86 लड़कियों के एक समूह का गांधीवादी प्रदर्शन नौकरशाही और लालफीताशाही पर भारी पड़ा तथा राज्य सरकार उनके स्कूल का दर्जा बढ़ाने के लिए तैयार हो गयी. अब उनके स्कूल में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई हो सकेगी. छात्राओं के प्रदर्शन के छठे दिन हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने घोषणा की कि गोठड़ा टप्पा गांव में राजकीय उच्च विद्यालय का उन्नयन दसवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि लड़कियों की भूख हड़ताल को देखते हुए और राज्य में हर लड़की को शिक्षा मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता के मद्देनजर, हरियाणा सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है.

इसके पहले स्कूल की 86 छात्राएं स्कूल का दर्जा बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थीं. ग्राम प्रमुख सुरेश चौहान के अनुसार 13 लड़कियां भूख हड़ताल पर थीं. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए उनके गांव की लड़कियां दसवीं कक्षा के बाद दूसरे गांव जाती हैं जो करीब तीन किलोमीटर दूर है.

भूख हड़ताल पर बैठी लड़कियों में से एक ने कहा, ‘‘हम दूसरे गांवों के युवकों द्वारा उत्पीड़न और छेड़छाड़ की आशंका से ग्रस्त हैं और ऐसे में हम अपने स्कूल को 12वीं कक्षा तक करने की मांग कर रहे हैं.’’ जिला शिक्षा अधिकारियों का कहना था कि जब तक स्कूल न्यूनतम अहर्ता हासिल नहीं कर लेता तब तक इसका दर्जा नहीं बढ़ाया जा सकता.

रेवाड़ी के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) धरमबीर बालरोडिया ने बताया, ‘‘उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए नौवीं और दसवीं कक्षा में कम से कम 150 छात्रों का होना जरूरी है लेकिन उस स्कूल की दोनों कक्षाओं में केवल 86 छात्र हैं.’’ चौहान ने कहा कि स्कूल का दर्जा बढ़ाये जाने के सरकार के फैसले की प्रति मिलने तक छात्राओं का आंदोलन जारी रहेगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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