केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच विवाद का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

याचिका एडवोकेट एमएल शर्मा ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने तत्काल सुनवाई की भी मांग की है. कोर्ट ने कहा 'आपने अभी याचिका दायर की है, हम देखेंगे.'

केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच विवाद का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार औरभारतीय रिजर्व बैंक (RBI)  के बीच हुए विवाद का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि सरकार को RBI के मामले में दखल नहीं देना चाहिए. सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है. याचिका एडवोकेट एमएल शर्मा ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने तत्काल सुनवाई की भी मांग की है. कोर्ट ने कहा 'आपने अभी याचिका दायर की है, हम देखेंगे.' वहीं कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार नोटबंदी की ‘त्रासदी' पर पर्दा डालने और चुनावी मौसम में रेवड़ियां बांटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का खजाना लूटने को उतारू है. पार्टी ने यह भी दावा कि नोटबंदी की वजह से आरबीआई के जरिए सरकार को होने वाले लाभ में 50 फीसदी से अधिक की कमी आई. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी द्वारा पैदा की गई त्रासदी (नोटबंदी) से देश की जीडीपी को 1.5 फीसदी का नुकसान हुआ और आरबीआई की संस्थागत स्वायत्तता भी कमतर हुई. अब प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी भाग-2 की योजना बनाई है जिससे एक फिर से भारत की जीडीपी दो फीसदी कम हो जाएगी.'    

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उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार आरबीआई से 3.60 लाख करोड़ रुपये का विशेष लाभांश मांग कर रही है. मोदी सरकार आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देखकर चुनाव से पहले अनैतिक ढंग से रेवड़ियां बांटने की कोशिश में है. इसलिए चुनावी मौसम में फायदा हासिल करने और अपने पूंजीपति मित्रों से प्यार की वजह से आरबीआई के खजाने को लूटने पर उतारू है.''    सिंघवी ने दावा किया कि अपनी नाकामियां छिपाने के लिए भी सरकार यह सब कर रही है और इसके लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के जरिए गलत सूचना का प्रसार कराया जा रहा है.    

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उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में आरक्षित नकदी दर (सीआरआर) छह फीसदी है, लेकिन मोदी सरकार से इसे भी कम करना चाह रही है ताकि वह रिजर्व बैंक से पैसे ले सके.

RBI और केंद्र सरकार विवाद भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट​
 


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