छोटे उद्योगों के लिए बड़ा राहत पैकेज लाने की तैयारी में सरकार, जल्द हो सकती है घोषणा

लॉकडाऊन के तीसरे चरण के तहत सरकार ने हर जोन में उद्योग धंधे खोलने की ज्यादा छूट दी है. लेकिन 40 दिन से बंद पड़े उद्योगों-फैक्टरियों को खोलने में छोटे उद्योगों को कई तरह के संकट से जूझना पड़ रहा है.

छोटे उद्योगों के लिए बड़ा राहत पैकेज लाने की तैयारी में सरकार, जल्द हो सकती है घोषणा

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

लॉकडाऊन के तीसरे चरण के तहत सरकार ने हर जोन में उद्योग धंधे खोलने की ज्यादा छूट दी है. लेकिन 40 दिन से बंद पड़े उद्योगों-फैक्टरियों को खोलने में छोटे उद्योगों को कई तरह के संकट से जूझना पड़ रहा है. अब सरकार उनके लिए एक विशेष राहत पैकेज तैयार कर रही है जिससे उनका कारोबार सही से खुल सके. कोरोना संकट और लॉकडाऊन के असर से छोटे उद्योगों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. अब उन्हें COVID-19 संकट से उबारने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय ने एक राहत पैकेज का मसौदा वित्त मंत्रालय को भेजा है. 

मसौदे में मुख्य रूप से चार सुझावों को अमल में लाने की बात है. 1. छोटे-लघु उद्योगों के लिए नकदी की उपलब्धता बढ़ने के लिए विशेष कदम उठाये जाएं. 2. छोटे उद्योगों को आसान शर्तों पर क्रेडिट मुहैया कराने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम की सीमा मौजूदा 2 करोड़ से बढ़ाई जाये. 3. मौजूदा वित्तीय संकट से राहत देने के लिए टैक्स पेमेंट में रिलीफ दिया जाये. 4. सभी सरकारी विभागों और पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेस छोटे उद्योगों जो बकाया पेमेंट है सूद समेत वापस करें.

सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्दी इस राहत पैकेज पर फैसला कर सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार को ही वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिकारीयों के साथ छोटे और लघु उद्योगों के लिए क्रेडिट फ्लो बढ़ने पर चर्चा की थी.

MSME फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल अनिल भरद्वाज ने एनडीटीवी से कहा, "सबसे बड़ी समस्या है वर्करों को सैलरी की पेमेंट. सभी फेडरेशन ये चाहते हैं कि सरकार इस लायबिलिटी को पूरा करने में मदद करे. साथ ही, लोन पर मोरेटोरियम 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने किया जाये."

दरअसल छोटे उद्योग संघ अब सरकार से एक स्टिमुलस पैकेज की मांग कर रहे हैं. एसोचेम अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना के साथ एक वेबिनार के दौरान कहा, "एक स्टिमुलस पैकेज लाना चाहिए. छोटे उद्योगों को खोलने में दिक्कत आ रही है.. छोटे उद्योगों के लिए स्पेशल क्रेडिट फैसिलिटी जरूरी है. 1 लाख करोड़ की क्रेडिट गारंटी स्कीम लाने की तैयारी हो रही है."

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वेबिनार के ज़रिये चर्चा के दौरान एसोचेम के प्रतिनिधियों ने उद्योग मंत्री से कहा, 'उत्तर प्रदेश में कई छोटी इंडस्ट्रीज बंद हैं, बड़ी संख्या में लोग बेरोज़गार हुए हैं और सरकार को अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए स्टिमुलस पैकेज लाना चाहिए. उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना ने कहा, "हम इंडस्ट्री के साथ खड़े हैं. एक स्थिर पैकेज आना चाहिए. हम अपनी वित्तीय हालात का जायज़ा लेकर पैकेज तैयार करेंगे."