NRI को वोट का अधिकार देने के लिए कानून में बदलाव को तैयार : केंद्र सरकार

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल एक करोड़ 37 हजार एनआरआई हैं जिनमें यूएई में  17 लाख 50 हजार, इग्लैंड में 15 लाख, अमेरिका में नौ लाख 27 हजार, सऊदी अरब में 17 लाख 89 हजार, ऑस्ट्रेलिया में दो लाख 13 हजार और कनाडा में दो लाख एनआरआई हैं.

NRI को वोट का अधिकार देने के लिए कानून में बदलाव को तैयार : केंद्र सरकार

फाइल फोटो

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा
  • अभी सिर्फ 10 हजार एनआरआई करते हैं वोट
  • SC ने दिया 8 हफ्तों का वक्त
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह एनआरआई को भी वोटिंग का अधिकार देने के लिए जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 में संशोधन करने को तैयार है. केंद्र ने बताया कि करीब दस लाख एनआरआई में से सिर्फ दस हजार ही लोग ही देश मे आकर वोट डालते हैं. इससे पहले  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आखिरी मौका दिया था और कहा था कि  केंद्र 21 जुलाई को बताए कि वह एनआरआई को मतदान का अधिकार देने के लिए सिर्फ नियमों में बदलाव करेगा या फिर एक्ट में बदलाव करना होगा.

गौरतलब है कि 2014 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसे चुनाव आयोग की वह सिफारिश मंजूर है जिसमें एनआरआई को वोट का अधिकार देने की बात कही गई है. अब आने वाले कुछ दिनों में एक करोड़ से ज्यादा एनआरआई देश में चुनाव के दौरान वोट कर सकेंगे.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल एक करोड़ 37 हजार एनआरआई हैं जिनमें यूएई में  17 लाख 50 हजार, इग्लैंड में 15 लाख, अमेरिका में नौ लाख 27 हजार, सऊदी अरब में 17 लाख 89 हजार, ऑस्ट्रेलिया में दो लाख 13 हजार और कनाडा में दो लाख एनआरआई हैं.

दरअसल, चुनाव आयोग की कमेटी ने एनआरआई को वोट डालने के लिए ई-पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की सिफारिश की है. यानि उन्हें ई-बैलेट दिया जाए और वो बाद में पोस्ट से इसे वापस भेजें. इसके लिये सभी एनआरआई को अपने दूतावास में रजिस्टर कराना होगा.  वहीं सरकार ने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ वक्त लगेगा क्योंकि इसके लिये मौजूदा कानून में बदलाव से लेकर विदेश मंत्रालय से विचार संबंधी कदम उठाए जाने हैं और इसके लिये एक कमेटी बना दी गई है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आठ हफ्तों का वक्त दिया है.
 


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