साइबर अपराधों पर नकेल के लिए यह कदम उठाएगी सरकार, गृह मंत्री ने दिए आदेश

बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए सरकार निगरानी प्रणाली को और मजबूत करेगी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में हुई चर्चा.

साइबर अपराधों पर नकेल के लिए यह कदम उठाएगी सरकार, गृह मंत्री ने दिए आदेश

केंद्रीय गृह मंत्री ने मामले में एक उच्चस्तरीय बैठक की. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने निगरानी प्रणाली को मजबूत करने को कहा
  • इनमें डेबिट-क्रेडिट कार्डों और ई-वॉलेट के जरिये होने वाली धोखाधड़ी भी
  • बैठक में साइबर अपराधों को रोकने के लिए अपनाई गई रणनीतियों पर हुई चर्चा
नई दिल्ली:

बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए सरकार निगरानी प्रणाली को और मजबूत करेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वित्तीय साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिहाज से निगरानी प्रणाली और कानूनी प्रावधानों को मजबूत करने के आदेश दिए हैं. इन अपराधों में डेबिट-क्रेडिट कार्डों और ई-वॉलेट के जरिए होने वाली धोखाधड़ी भी शामिल है.

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साइबर अपराध रोकने की रणनीति पर हुई चर्चा
यह मुद्दा एक उच्च स्तरीय बैठक में उठाया गया. बैठक में वित्तीय साइबर अपराधों को रोकने के लिए अपनाई गई रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा और देश में हो रहे वित्तीय साइबर अपराधों के चलन और इस चुनौती से निपटने के लिए उनकी एजेंसियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों से गृह मंत्री को अवगत कराया. संबंधित एजेंसियों और कुछ राज्यों के प्रतिनिधियों ने वित्तीय क्षेत्र में साइबर
अपराधों के बढ़ते चलन को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला.

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गृहमंत्री ने जरूरी कदम उठाने के दिए निर्देश

बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया कि इस स्थिति से निपटने के लिए कानूनी और तकनीकी दोनों ही तरह के कदम उठाने की जरूरत है. प्रवक्ता ने बताया कि गृहमंत्री ने सभी संबंधित एजेंसियों को समयबद्ध तरीके से जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं और इस संबंध में सभी एजेंसियों में समन्वय पर जोर दिया है.

यह तय किया गया है कि इस दिशा में इन एजेंसियों में साइबर अपराध रोकने के प्रयासों को तेजी से लागू किया जाएगा और साथ ही जरूरी साइबर फॉरेन्सिक उपकरणों को हासिल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. यह भी तय किया गया कि जिन मुद्दों पर काम करने की जरूरत है उनकी पहचान करने और क्रियान्वन की निगरानी के लिए एक अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया जाएगा.


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