यह ख़बर 22 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

संजय दत्त की अपील पर राज्यपाल कर सकते हैं विशेषाधिकार का इस्तेमाल : सरकार

खास बातें

  • फिल्म अभिनेता संजय दत्त को माफ करने की प्रेस परिषद प्रमुख मार्कण्डेय काटजू की अपील के बीच सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिए कि मामले पर विचार किया जाएगा और एक बार दत्त की ओर से कोई ऐसी कोई अपील की जाती है तो उचित फैसला किया जाएगा।
नई दिल्ली:

फिल्म अभिनेता संजय दत्त को माफ करने की प्रेस परिषद प्रमुख मार्कण्डेय काटजू की अपील के बीच सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिए कि मामले पर विचार किया जाएगा और एक बार दत्त की ओर से कोई ऐसी कोई अपील की जाती है तो उचित फैसला किया जाएगा।

काटजू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से दत्त को माफ करने की अपील की है। दत्त मुंबई में 1993 के श्रृंख्लाबद्ध विस्फोटों के मामले में दोषी करार दिए हैं और कल ही उच्चतम न्यायालय ने उन्हें सजा सुनाई है।

कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने कहा कि राज्यपाल से यदि इस तरह की कोई अपील की जाती है तो वह अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। उनहें माफी देने का अधिकार है। हमें इस बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

उधर, सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अधिकारी उचित स्तर पर मामले पर संज्ञान लेंगे।

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि न्यायमूर्ति काटजू उच्चतम न्यायालय के काफी प्रख्यात न्यायाधीश रहे हैं। वह जब किसी मुद्दे पर कोई राय रखते हैं तो सरकार के भीतर और बाहर बैठे लोग उस पर ध्यान देते हैं।

तिवारी ने कहा कि इस मुद्दे के कई पहलू हैं। उन्होंने यकीन जताया कि सरकार में बैठे लोग काटजू के बयान पर संज्ञान लेंगे और जरूरत पड़ी उचित कार्रवाई करेंगे।

महाराष्ट्र के राज्यपाल के सत्यनारायणन को न्यायमूर्ति काटजू ने पत्र लिखकर दत्त को माफी देने की अपील की है। हथियार मामले में शीर्ष अदालत ने कल ही दत्त की पांच साल के कारावास की सजा को बरकरार रखा है।

भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख का सुझाव हालांकि भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना को रास नहीं आया है। काटजू की आलोचना करते हुए भाजपा सांसद बलबीर पुंज ने कहा कि काटजू भूल गए हैं कि अब वह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नहीं रह गए हैं। वह प्रेस परिषद के अध्यक्ष हैं।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कानून के अनुरूप फैसला दिया है। उसके फैसले का सम्मान होना चाहिए अन्यथा ऐसी गलतफहमी हो जाएगी कि दो तरह के कानून होते हैं। एक गरीब के लिए और दूसरा मशहूर लोगों के लिए।

शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि दत्त ने खुद ही कहा है कि वह अदालत के फैसले का पालन करेंगे।

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इस मुद्दे पर शिवसेना के रुख के बारे में पूछने पर देसाई ने कहा कि उनकी पार्टी जानना चाहती है कि जिन्होंने 20 साल पहले जान गंवाई, उनके बारे में क्या कहेंगे। अदालत ने फैसला दिया है और दत्त को उसका पालन करना चाहिए।