ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में भवनों के गिरने की घटना के प्रत्यक्षदर्शी मिंटू और शिखा डेका.
खास बातें
- दस मजदूरों के परिवार रहते थे 6 मंजिला निर्माणाधीन इमारत में
- शिखा डेका मजदूरों के बच्चों को पढ़ाती थीं
- भवनों के निर्माण में इस्तेमाल किया गया सामान गुणवत्ताहीन था
नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी में एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत और उससे सटा एक अन्य भवन धराशायी हो गया. इन भवनों के मलबे में करीब 40 लोगों के दबे होने की आशंका है. घटनास्थल पर रहने वाले दो व्यक्तियों ने यह आशंका जताई है.
मिंटू और शिखा डेका ज़मींदोज़ हुईं दोनों इमारतों के ठीक सामने रहते हैं. मिंटू और शिखा ने ही सबसे पहले 100 नंबर पर फ़ोन करके पुलिस को घटना की जानकारी दी. इसके करीब 45 मिनट बाद उन्होंने पुलिस को रास्ता समझाकर मौके पर पहुंचाया. मिंटू बताते हैं कि तकरीबन 9 बजे तेज़ आवाज़ आई. उन्हें लगा कि भूकंप आया है. जब बाहर आकर देखा तो दोनों इमारतें गिर रही थीं.
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दोनों बताते हैं कि पुरानी बिल्डिंग में दो परिवार अभी शिफ़्ट हुए थे जबकि 6 मंज़िला इमारत में तक़रीबन 10 मज़दूरों के परिवार रहते थे. उनके बच्चों को शिखा डेका पढ़ाती थीं. शिखा के मुताबिक करीब मजदूरों सहित 40 लोग इमारतों के अंदर फंसे हो सकते हैं.
VIDEO : अचानक जमींदोज हो गए दो भवन
मिंटू डेका के मुताबिक़ दोनो बिल्डिंगें उनके सामने बनी थीं. इनके कंस्ट्रक्शन के लिए इस्तेमाल सामान की गुणवत्ता बेहद ख़राब थी.