ग्राउंड रिपोर्ट : पंजाब में खनन माफिया की मनमानी, अकाली दल का वरदहस्त

ग्राउंड रिपोर्ट : पंजाब में खनन माफिया की मनमानी, अकाली दल का वरदहस्त

प्रतीकात्मक फोटो

चंडीगढ़:

पंजाब में रेत-बजरी सोने के भाव बिक रही है। इस कारोबार पर सियासी रसूख वाली लॉबी का कब्जा है, जो सरकार की शह पर मनमाने तरीके से खनन में जुटा है। होशियारपुर के गांवों में खनन माफिया की जमकर मनमानी चलती है।  
 पंजाब में रेत और बजरी के दाम आसमान छू रहे हैं। पिछले एक साल में दाम तीन गुना बढ़ गए हैं। बादल सरकार पर खनन लॉबी को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। आलम यह है कि पंजाब में इन दिनों रेत की एक ट्राली तीन से पांच हजार और बजरी की ट्राली चार से छह हजार की मिल रही है। अगर सस्ती चाहिए, तो अकाली दल के किसी नेता की सिफारिश चाहिए। मालवा इलाके में युवा अकाली दल नेता रोजी बरकन्दी का सिक्का चलता है। उनके नाम की पर्ची से काम हो जाएगा, लेकिन जो यह जुगाड़ नहीं लगा सकते, उन्हें अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है।   
 
होशियारपुर हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ गांव है। यह क्षेत्र अवैध खनन का अड्डा बना हुआ है। खुदाई की परमीशन सिर्फ 10 फीट तक की है, लेकिन यहां देखकर लगता है कि खनन माफिया पाताल तक जा पहुंचे हैं। यहां बेनामी खनन कारोबार चलाने के आरोप मोगा के एक बड़े अकाली नेता पर लग रहे हैं।
 
किसानों को लालच देकर अवैध खनन
माइनिंग रोको-जमीन बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ता दीपक ठाकुर बताते हैं कि मोगा के कुछ क्रशर मालिक किसानों को लालच देते हैं कि हम आपकी जमीन लेवल कर देंगे। एक बार किसान राजी हो जाता है तो वह उसकी जमीन पर सौ सौ फीट तक खुदाई करते हैं। वह वहां से पत्थर निकालकर उसे सोने के दाम बेचते हैं।
 
दूसरी तरफ क्रशर मालिक कहते हैं कि किसान खुद उन्हें अपनी जमीन बेच रहे हैं। मीरी पीरी स्टोन क्रशर के मालिक जसविंदर सिंह दावा करते हैं कि 'हम कोई जबरदस्ती थोड़े ही कर रहे हैं। लोग अपनी जमीन खुद देते हैं। अलग-अलग क्रशर मालिकों से पैसे लेते हैं।'
 
आंखें मूंदे है खनन विभाग
लाल डोरा के भीतर भी क्रशर मालिक सरे आम खनन कर रहे हैं, लेकिन खनन विभाग को यह सब नजर नहीं आ रहा। खनन विभाग के महाप्रबंधक टी एस सेखों कहते हैं, 'आप रिकॉर्ड देखिए। मैंने पिछले तीन महीनों में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ केस दर्ज करवाए हैं। इतने पिछले एक साल में नहीं हुए। हमारे ऊपर कोई सियासी दबाव नहीं है। आप दिखाओ मुझे कहां 100 फीट खनन हुआ है। मैं आज ही जाकर देखता हूं।'

सेहत बिगाड़ रहे क्रशर
रेत-बजरी से ओवरलोड ट्रकों से गांवों की सड़कों का बुरा हाल है। पता लगाना मुश्किल है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। बरसात में यहां क्या हाल होता होगा। इसकी कल्पना ही की जा सकती है। घर की दहलीज पर चल रहे क्रशर से बच्चों और बुज़ुर्गों की सेहत बिगड़ रही है। दिन भर क्रशर और ट्रकों के कारण उड़ने वाली धूल से बच्चों का घर के आंगन में खेलना तक दूभर हो गया है। फेंफड़े के रोग और एलर्जी यहां आम बात हो गई है।
 
स्थानीय निवासी राजविंदर कौर बताती हैं,' क्रशर हमारे घर से कुछ कदम कि दूरी पर है। इसकी वजह से बच्चे और बुजुर्ग परेशान हैं। मेरे बेटे को आंखों में एलर्जी हो जाती है। डॉक्टर कहते हैं इसे प्रदूषित हवा नहीं लगनी चाहिए।'
 
साईं मोहम्मद का परिवार हिमाचल के चम्बा से बेहतर जिंदगी की तलाश में यहां आकर बसा, लेकिन अब घर के तीन तरफ बड़े बड़े गड्ढे हैं। घर की दीवार कभी भी ढह सकती है। वह बताते हैं, 'क्रशर मालिकों के गुर्गे  हमें धमकाते हैं कि यहां से चले जाओ। बताओ हम कहां जाएं। हमारी सिर्फ पांच एकड़ जमीन है, उनके पास 20 एकड़...कोई नहीं सुनता हमारी।'

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विरोध करने वालों को धमकी
पानी सिर तक पहुंच गया तो आस-पास के करीब 30 गांव के लोगों ने माइनिंग रोको-जमीन बचाओ संघर्ष समिति बनाई। इसकी आवाज दबाने के लिए क्रशर मालिक अपने गुर्गों के ज़रिए धमकाते रहते हैं। संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं और क्रशर मालिकों के बीच ऐसी झड़पें आए दिन होती हैं, जब प्रशासन तमाशबीन बना रहता है।
 
खनन माफिया से होशियारपुर के करीब 30 गांव बर्बादी कि कगार पर हैं। ऐसे ही हालात हिमाचल के पहाड़ी इलाकों के बाकी जिलों में भी हैं।  पटियाला से आम आदमी पार्टी के सांसद डॉक्टर धर्मवीर गांधी हाजीपुर गांव में किसानों का समर्थन करने आए हैं। वह कहते हैं, ' इस इलाके में कंडी का जो इलाका है, इसमें होशियारपुर, पठानकोट, रोपड़, शामिल हैं। इनके (माफिया) हाथ खजाना लग गया है। यह पैसा सरकार के खजाने में जाना था, लेकिन यह खुद ठेके लेकर, अपने गुंडे रखकर लोगों को सीमेंट से भी महंगी रेत-बजरी बेच रहे हैं।'
 
सरकार आरोपों को लेकर बेफिक्र
अभी 15 दिन पहले पड़ोसी राज्य हिमाचल की विधानसभा में राजस्व मंत्री ने खुल्लम खुल्ला प्रदेश की राजस्व हानि के लिए पंजाब के खनन माफिया को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन सरकार इन आरोपों से बेपरवाह है। उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल कहते हैं,'आप उनसे पूछो कहां अवैध खनन हो रहा है। हम कार्रवाई करेंगे।'