विरोध के बीच राज्‍यसभा में GST बिल पेश, जेटली बोले- कांग्रेस की नीति अर्थव्यवस्था पर बोझ

विरोध के बीच राज्‍यसभा में GST बिल पेश, जेटली बोले- कांग्रेस की नीति अर्थव्यवस्था पर बोझ

नई दिल्‍ली:

संसद के मॉनसून सत्र में हंगामे के बीच सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश किया, लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं शुरू हो सकी। भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया।

इसके बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, जीएसटी के आर्थिक नजरिए से कई फायदे हैं। जीएसटी से ज्यादा टैक्स इकट्ठा होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आर्थिक विकास नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति देश की अर्थव्यवस्ता पर बोझ है। कांग्रेस को गांधी परिवार के बाहर का शासन स्वीकार नहीं है। जीएसटी पर एक तरह से राष्ट्रीय सहमति थी, लेकिन कांग्रेस अपने रुख से पलट रही है। कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के बीच जेटली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बहाने वह इस विधेयक को रोकना चाहते हैं।

लेफ़्ट और कांग्रेस इसका जीएसटी बिल का जमकर विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने अपने सभी सांसदों से कहा है कि वह संसद में तब तक हंगामा जारी रखें, जब तक विवादों में फंसे तीनों बीजेपी नेताओं इस्‍तीफा न दे दें। साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि इस सत्र में जीएसटी को नहीं लाया जाना चाहिए था।

विपक्षी दलों को साथ लाने की कोशिश में सरकार
सरकार टीएमसी, सपा को साथ लाने की कोशिश में है। साथ ही सरकार जेडीयू, बीजेडी, एआईएडीएमके को भी साथ लाने की कोशिश कर रही है। बिल को पास कराने की कोशिशों के चलते बीजेपी ने अगले तीन दिन के लिए व्हिप जारी किया है और सांसदों को संसद में उपस्थित रहने को कहा है। दरअसल, GST बिल एक संविधान संशोधन बिल है। इसे पास होने के लिए आधे सदस्यों की मौजूदगी ज़रूरी है। साथ ही मौजूद सदस्यों में दो-तिहाई का बिल के पक्ष में वोट देना ज़रूरी है।

122वां संविधान संशोधन बिल होगा
यह 122वां संविधान संशोधन बिल होगा। इसके साथ ही सेलेक्ट कमिटी की सिफ़ारिशों को भी संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल को पास कराने की इस सत्र में ये आख़िरी कोशिश होगी। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स सभी इंडायरेक्ट टैक्स यानी अप्रत्यक्ष करों की जगह लेगा। साथ ही इससे पूरे देश में एक समान टैक्स सिस्टम भी लागू हो सकेगा।

जीएसटी विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकती : आनंद शर्मा
जीएसटी बिल के विरोध को लेकर कांग्रेस ने सरकार के उस आरोप का जवाब दिया है, जिसमें वित्त मंत्री ने कहा था कि जीएसटी का विरोध कर कांग्रेस देश के विकास को रोक रही है। पार्टी के राज्‍यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि जीएसटी विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि इस पर कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में विचार नहीं किया गया है और न ही बीएससी ने इसके लिए समय निर्धारित किया है। उन्होंने आज की संशोधित कार्यसूची में जीएसटी विधेयक को दर्ज किए जाने पर भी आपत्ति जताई। कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने भी कहा, अगर सरकार हमारा तैयार किया हुआ बिल पेश करती है, तो हम उसे समर्थन देंगे।

देश के विकास के लिए जरूरी जीएसटी बिल
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जीएसटी बिल को देश के विकास के लिए जरूरी बताया है। उन्‍होंने कहा कि यह बिल देश के विकास को और आगे ले जाएगा।

संसद के दोनों सदनों में हंगामा
उधर, संसद के मॉनसून सत्र में गतिरोध बरक़रार है। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की ओर से आज भी हंगामा हुआ। दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने लगे। कांग्रेसी सांसद आज भी सदन में काली पट्टी बांध कर पहुंचे थे। लोकसभा में कांग्रेस की ओर से काम रोको प्रस्ताव भी दिया गया, जिसे स्पीकर ने खारिज़ कर दिया। कांग्रेसी सांसदों ने जुमलेबाज़ी रोको और नाटकबाज़ी रोको के भी नारे विपक्ष की ओर से लगाए गए। राज्यसभा में भी जोरदार हंगामा देखने को मिला, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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क्या है जीएसटी बिल?
जीएसटी- गुड्स एंड सर्विस टैक्स
अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स।
VAT, सेल्स टैक्स, एक्साइज़, लग्ज़री और मनोरंजन कर ख़त्म होंगे।
इससे पूरे देश में एक प्रोडक्ट पर लगभग एक जैसा ही टैक्स लगेगा।
केंद्र और राज्य को टैक्स का बराबर हिस्सा।  
अप्रैल 2016 में लागू करने की कोशिश।