वित्त मंत्री ने कहा, नहीं बन पाई आम सहमति, 9 राज्यों ने GST पर केंद्र के समाधान को ठुकराया

बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये केन्द्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है.

वित्त मंत्री ने कहा, नहीं बन पाई आम सहमति, 9 राज्यों ने GST पर केंद्र के समाधान को ठुकराया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई बैठक में मुआवजे के मुद्दे पर 12 राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा द‍िए गए समाधान को स्वीकार कर ल‍िया. जबकि विपक्षशासित नौ राज्य इसके लिए तैयार नहीं हैं. उनकी मांगों पर विचार करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समय मांगा है.

जीएसटी परिषद की मैराथन बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि असहमति जताने वाले नौ राज्यों का कहना है कि केंद्र को स्वयं उधार लेना चाहिए. हालांकि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है. जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के तौरतरीकों को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई. हालांकि कुल मिलाकर 21 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उधार लेने के लिए सहमत हो गए हैं.

97 हजार करोड़ रुपये चुकाना है
केंद्र को जीएसटी से राजस्व को होने वाले नुकसान की एवज में राज्यों को 97 हजार करोड़ रुपये चुकाना था, लेकिन कोरोना के कारण यह राशि बढ़कर 2.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. पिछले हफ्ते सीतारमण ने कहा था कि कोई भी सहमति न बनने पर केंद्र 20 हजार करोड़ रुपये इस साल के लिए जारी कर देगा.

पांच साल तक नुकसान की क्षतिपूर्ति का वादा
केंद्र सरकार ने जीएसटी कानून लाने के साथ राज्यों से वादा किया था कि अगर उनका राजस्व सालाना 14 फीसदी की दर से नहीं बढ़ता है तो उससे खजाने को होने वाले नुकसान की भरपाई पांच साल तक वह करेगी. हालांकि वह इस साल क्षतिपूर्ति देने में खुद को असमर्थ पा रही है. इस साल की शुरुआत में बैठक के बाद केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये या सिर्फ जीएसटी मुआवजे का 97 हजार करोड़ रुपये बाजार से उधार लेने को कहा था. 

उधार की भरपाई केंद्र सरकार करेगी
केंद्र का कहना है कि वह राज्यों द्वारा लिए गए उधार का बोझ वहन करेगी, जीएसटी सेस के जरिये 2022 तक राज्यों को इसका वापस भुगतान कर दिया जाएगा. केरल, बंगाल समेत कई राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारियों को याद दिलाया है.

जीएसटी परिषद में पहली बार मतभेद लंबा खिंचा
जीएसटी से राज्यों के खजाने को हुए नुकसान की भरपाई का मुद्दा जीएसटी परिषद में पहला ऐसा बड़ा विषय बनकर उभरा है, जिसको लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है. अमूमन राज्यों के वित्त मंत्रियों की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद की बैठकों में निर्णय आम सहमति से होते रहे हैं. कोविड महामारी के दौर में केंद्र और राज्यों की खस्ता आर्थिक हालत के बीच ये मतभेद उभरे हैं.

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