यह ख़बर 26 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

गुजरात दंगे : जाकिया की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा, मोदी को क्लीन चिट सही

अहमदाबाद:

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत देते हुए एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा उन्हें और अन्य को क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी।

जकिया कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बीजे गणत्र ने खुली अदालत में फैसला सुनाते हुए जकिया के वकील मिहिर देसाई से कहा कि उनकी याचिका खारिज की जाती है और उन्हें ऊपरी अदालत में जाने की स्वतंत्रता है।

जकिया के पति उन 68 लोगों में शामिल थे, जो गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में हुए अग्निकांड के बाद भड़के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी में हुए नरसंहार में मारे गए थे। जकिया (74) ने 15 अप्रैल को एक विरोध याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी की मामला बंद करने को लेकर दाखिल रिपोर्ट पर ऐतराज जताया था।

रिपोर्ट में दंगों की साजिश में मोदी की सह-अपराधिता को खारिज कर दिया गया था। अदालत में मौजूद याचिकाकर्ता उस वक्त रो पड़ी, जब फैसला सुनाया गया और कहा कि वह एक महीने में इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी। एसआईटी के वकील आरएस जमुआर ने फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा, एसआईटी की सिफारिशों को स्वीकार करने में एकमात्र बाधा विरोध याचिका थी और अब यह खारिज हो गई है, बेशक एसआईटी रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है।

जकिया की शिकायत पर जांच पूरी करने के बाद एसआईटी ने पिछले साल 8 फरवरी को मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। यह बताया गया कि आठ साल बीत जाने के कारण मामले में साक्ष्य जुटाने में मुश्किलें आईं, फिर भी जो कुछ भी सामग्री वह एकत्र कर पाई, वह उन लोगों के खिलाफ अभियोजन के लिए पर्याप्त नहीं था. जिनके खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाए थे।


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