हिंसक हुआ गुर्जर आंदोलन, प्रदर्शनकारियों ने झड़प के बाद पुलिस की तीन गाड़ियों में लगाई आग, कई ट्रेनें रद्द

Gujjar agitation: राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के जारी शांतिपूर्ण आंदोलन (Gujjar Agitation) रविवार को हिंसक हो गया.

खास बातें

  • आरक्षण के लिए प्रदर्शन कर रहे गुर्जरों को आंदोलन हुआ हिंसक
  • झड़प के बाद पुलिस की तीन गाड़ियों को किया आग के हवाले
  • कई ट्रेनों को रद्द किया गया और कई गाड़ियों का बदला गया रूट
जयपुर:

Gujjar Agitation in Rajasthan: राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए जारी शांतिपूर्ण आंदोलन (Gujjar Agitation) रविवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. गुर्जर नेता दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पटरियों पर बैठे हैं जिससे कई प्रमुख ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है. आंदोलनकारियों ने धौलपुर जिले में आगरा-मुरैना राजमार्ग को बंद करने की भी कोशिश की. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई. उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के तीन वाहनों को आग लगा दी. वहीं, आंदोलन की वजह से उत्तर रेलवे ने 10 फरवरी को चलने वाली 18 ट्रेनें रद्द की, वहीं, 11 फरवरी को चलने वाली 10 ट्रेनें और 12 फरवरी को चलने वाली 12 ट्रेनें भी रद्द की गईं जबकि 13 फरवरी को चलने वाली 15 ट्रेनों को रद्द किया गया है.

 

 

धौलपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा-मुरैना राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. उनके अनुसार कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलाईं. उन्होंने बताया कि इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. सिंह के अनुसार इस दौरान हुए पथराव में चार जवानों को चोट आईं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ने के लिए हवा में गोलियां चलाईं. लगभग एक घंटे के बाद इस राजमार्ग पर  यातायात बहाल कर दिया गया.

 

 

बता दें कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर नेता शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए. आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल के बीच शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही. इस आंदोलन का असर रेल सेवाओं पर भी पड़ा. उत्तर पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे को अनेक ट्रेन रद्द करनी पड़ी हैं या उनके मार्ग में बदलाव करना पड़ा है. 

 

 

वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू किए जाने के बीच गहलोत ने कहा, 'सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है. राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है. कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है.'

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लोकसभा चुनावों से पहले गुर्जर आरक्षण के मुद्दे के फिर चर्चा में आने के बीच, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को गुर्जर आरक्षण के मामले में आई कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध हैं और न्याय दिलाकर मानेगी. पायलट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था, 'केंद्र सरकार ही इस काम को कर सकती है. मैं तो केंद्र सरकार से भी आग्रह करूंगा कि जिस प्रस्ताव को विधानसभा पारित कर चुकी है. कई बार हमारी सरकारों ने इसे स्वीकृति दी, पिछली सरकार ने भी दी... तो केंद्र सरकार को इसका भी गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए.'' 

VIDEO: आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों का आंदोलन

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(इनपुट: भाषा)