यह ख़बर 25 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आईएएस अफसर ने लगाए मोदी पर आरोप

खास बातें

  • गुजरात दंगों के सिलसिले में अब एक आईएएस अफ़सर ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।
New Delhi:

गुजरात दंगों के सिलसिले में एक आईपीएस अफ़सर संजीव भट्ट के सनसनीखेज़ हलफ़नामे के बाद अब एक आईएएस अफ़सर ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। प्रदीप शर्मा नाम के एक आईएएस अफसर ने गुजरात दंगों की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम − एसआईटी को दंगों की जांच के सिलसिले में एक ख़त लिखा है। चिट्ठी में लिखा है कि दंगों के वक्त मैं जामनगर के म्यूनिसिपल कमिश्नर के तौर पर तैनात था और मेरे भाई कुलदीप शर्मा आईजी के तौर पर अहमदाबाद रेंज में तैनात थे। उस वक्त मुझे मुख्यमंत्री के दफ्तर से फोन आया था और कहा गया था कि मैं अपने भाई को समझाऊं ताकि वो अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए सक्रिय कदम ना उठाए। ख़ास बात यह है कि प्रदीप शर्मा इस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप में कच्छ की जेल में बंद हैं। उनके भाई कुलदीप शर्मा मोदी सरकार के निशाने पर रहे हैं। हाल ही में CAT ने कुलदीप शर्मा की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट में मोदी सरकार की टिप्पणियां हटा दी थीं। कुलदीप शर्मा अब दिल्ली में डेप्युटेशन पर हैं। गुजरात दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की परेशानियां फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के बाद अब सूबे के एक ओर अधिकारी प्रदीप शर्मा ने मोदी के खिलाफ मोर्च खोल दिया है। शर्मा ने एसआईटी को पत्र लिख कर अपनी शिकायत दर्ज की है।


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