यह ख़बर 05 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आरक्षण को लेकर गुर्जरों का आंदोलन समाप्त

खास बातें

  • राजस्थान मंत्रिमंडल की उप-समिति और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बीच समझौता होने के बाद गुर्जर आरक्षण आंदोलन बुधवार को समाप्त हो गया।
Jaipur:

राजस्थान मंत्रिमंडल की उप-समिति और राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बीच समझौता होने के बाद प्रदेश में 17 दिनों से जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन बुधवार को समाप्त हो गया। राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और मंत्रिमंडल समिति के अध्यक्ष गृह मंत्री शांति धारीवाल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह घोषणा की। कर्नल बैंसला के अनुसार सरकार राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में विशेष पिछड़ा वर्ग (गुर्जर, गाड़ियालुहार, बंजारा और रेबारी) को चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए इन जातियों का छह महीने में सर्वे कराएगी। इन जातियों को मौजूदा समय में मिल रहा एक प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा। धारीवाल ने कहा कि सरकार राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर विशेष पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होने तक चार प्रतिशत आरक्षण पर लगाई रोक को (कर्नाटक और तमिलनाडु की तर्ज पर) हटाने की अपील करेगी। उन्होंने कहा कि जातियों के सर्वे करने के उपरान्त यदि विशेष पिछड़ा वर्ग में कुछ अन्य जातियां जुड़ती हैं, तो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) आरक्षण अलग से बढ़ा दिया जाएगा। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार द्वारा आरक्षण आंदोलन के समाधान के लिए गृहमंत्री शान्ति धारीवाल की अध्यक्षता में तीन मंत्रियों, ऊर्जा मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, यातायात मंत्री बृजकिशोर शर्मा से करीब छह घटे से अधिक की बातचीत की और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट करने के बाद शासन सचिवालय में संवाददाताओं के समक्ष 17 दिनों से जारी गुर्जर आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की। गृहमंत्री धारीवाल ने कहा कि गुर्जर आंदोलनाकारियों पर पिछले और मौजूदा आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ा वर्ग में शामिल चार जातियों के अलावा 82 जातियों का सर्वे किया जाएगा। सर्वे कराने वाली एजेंसी के बारे में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा।


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