हाफिज सईद की रिहाई से कश्मीर में बढ़ सकता है आतंक, सुरक्षाबल चिंतित

कश्मीर में सक्रिय विदेशी आतंकी गुटों में लश्कर ए तैयबा प्रमुख, नए आतंकी गुटों का पर्दापण होने की आशंका बनी चिंता का कारण

हाफिज सईद की रिहाई से कश्मीर में बढ़ सकता है आतंक, सुरक्षाबल चिंतित

आतंकी सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है.

नई दिल्ली:

खतरनाक आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा यानि खुदा की सेना के संस्थापक  जमात-उद-दावा के प्रमुख मुहम्मद हाफिज सईद को पाक सरकार ने कुछ महीनों की नजरबंदी के बाद रिहा कर दिया है. वैसे ये पाकिस्तान के अधिकार में है कि वो किसे रिहा करे या गिरफ्तार करे, लेकिन लश्कर के चीफ की रिहाई पर भारत और दुनियाभर की निगाहें थीं.

मुम्बई हमले के गुनाहगार और कश्मीर में आतंक के कारखाने चलाने वाले इस आतंकी सरगना के बाहर आने से सुरक्षाबलों की नींद उड़ी है. नजरबंदी से बाहर आते ही हाफ़िज़ ने कहा कि उसे कश्मीर की आवाज़ उठाने के लिए 10 महीने के लिए नजरबंद किया गया. सरकार के मुताबिक जिस तरह से पाकिस्तान ने हाफ़िज़ को रिहा किया है उससे पता लगता है कि सरकार की नीति क्या है? उसने कश्मीर में आतंक को लेकर अपनी नीति में कोई बदलाव नही किया है.

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ध्यान रहे कि हाफ़िज़ सईद की रिहाई मुम्बई आतंकी हमले के नौंवी  बरसी से दो दिन पहले की गई. इस आतंकी हमले में 166 बेकसूर लोग मारे गए थे. यही नहीं 2001 में 13 दिसंबर को संसद और  उससे पहले अक्टूबर में कश्मीर में विधानसभा की इमारत पर हुए भीषण आत्मघाती हमलों के पीछे लश्कर का हाथ था. वैसे लश्कर ए तैयबा कश्मीर में मात्र एक ही हमले के लिए जिम्मेदार नहीं है. बल्कि उसके खाते में जितने हमले और मौतें दर्ज हैं शायद ही किसी अन्य आतंकी संगठन के खाते में होंगी. यही वजह है कि लश्कर ए तैयबा को देश के सबसे कट्टर और खतरनाक आतंकवादी संगठनों की श्रेणी में रखा जाता है. जमात-उद-दावा के प्रमुख मुहम्मद सईद हाफिज की रिहाई से कश्मीर में सुरक्षाबलों का चिंतित होना कुछ मायने रखता है. उनके मुताबिक उसकी रिहाई से कश्मीर में आतंकवाद बढ़ेगा और यही चिंता का विषय है.

VIDEO : भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

आपको बता दें कि कश्मीर में जो विदेशी आतंकी गुट सक्रिय हैं उनमें लश्कर ए तैयबा प्रमुख है. पाकिस्तानी आंतकियों में से 80 प्रतिशत सदस्य लश्कर से ही संबंध रखते हैं. इसका संबंध पाकिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर और कश्मीर में सक्रिय अल-कायदा तथा तालिबान के सदस्यों से भी है.अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित कर दिए जाने के बाद लश्कर ए तैयबा सीधे रूप में भारत में आतंकी हमलों में शामिल नहीं है लेकिन वह छोटे-छोटे दलों के नाम पर कार्रवाइयां कर रहा है.

अब जब लश्कर ए तैयबा या फिर जमात-उद-दावा के प्रमुख की रिहाई हो गई है तो अधिकारियों को चिंता है कि नए आतंकी गुटों का पर्दापण कश्मीर में न हो जाए. इनमें आईएसआईएस, अल-कायदा तथा तालिबान के सदस्य हो सकते हैं.अगर सुरक्षाबलों की मानें तो फिलहाल लश्कर हो या जैश हर आतंकी संग़ठन की कश्मीर में कमर टूट चुकी है. अगर हाफिज सईद फिर से नापाक हरकत करता है तो उसे मुंह की खानी पड़ेगी.


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