हरिद्वार कुंभ मेला 27 फरवरी से, श्रद्धालुओं को कई शर्तों का पालन करना होगा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला 2021 के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया

हरिद्वार कुंभ मेला 27 फरवरी से, श्रद्धालुओं को कई शर्तों का पालन करना होगा

हरिद्वार में कुंंभ मेला 27 फरवरी से होगा.

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरिद्वार (Haridwar) में होने वाले कुंभ मेला 2021 ( Kumbh Mela 2021) के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया है. SOP में लिखा गया है कि कुंभ मेला 27 फरवरी से शुरू होकर 30 अप्रैल 2021 तक चल सकता है. श्रद्धालुओं को कोरोना की निगेटिव RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट (72 घंटे से ज़्यादा पुरानी नहीं) लानी होगी, तभी मेले में प्रवेश मिलेगा. संभावना है कि मेले के दौरान रोजाना 10 लाख लोग आएंगे, जबकि पर्व स्नान या शाही स्नान के दौरान 50 लाख लोग आ सकते हैं. उत्तराखंड सरकार (Uttrakhand Government) को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल वही स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर कुंभ मेला में तैनात हों जिनको कोरोना वैक्सीन लग गई हो.

उत्तराखंड सरकार को यह यात्रा बिल्कुल अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर करवानी होगी. यानी सभी श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन होगा और अनिवार्य रूप से मेडिकल सर्टिफिकेट लाना होगा. यानी जो श्रद्धालु कुंभ मेले में आना चाहते हैं उनको उत्तराखंड सरकार के यहां रजिस्टर कराना होगा साथ ही अपने निकटतम कम्युनिटी हेल्थ सेंटर या जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज से मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर भी आना होगा. उत्तराखंड सरकार को इस बात का प्रचार सभी राज्यों में अच्छे से करना होगा.

जो श्रद्धालु मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर नहीं आएगा उनको कुंभ मेला में घुसने की इजाजत नहीं होगी. 65 वर्ष की उम्र के ऊपर के लोग, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम आयु के बच्चे और पुरानी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कुंभ मेले में आने से हतोत्साहित किया जाए. राज्य सरकार के ऐसे कर्मचारी जिनकी उम्र ज्यादा है, गर्भवती महिलाएं या पुरानी गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारी, इन लोगों को किसी भी फ्रंटलाइन काम या फिर ऐसे काम में ना लगाया जाए जहां पर जनता से सीधा संबंध हो.

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कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन कराना होगा. देह से दूरी, फावे मास्क ज़रूरी होगा. जो लोग इसका पालन नहीं करेंगे उन पर जुर्माना लगाना होगा. थूकने पर सख्त पाबंदी होगी.