यह ख़बर 30 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हरियाणा में बाढ़ का खतरा मंडराया

खास बातें

  • हरियाणा में कुछ दिन पहले ही दक्षिण-पश्चिमी मानसून के सक्रिय होने से राज्य के विभिन्न इलाकों पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है।
चण्डीगढ़:

हरियाणा में कुछ दिन पहले ही दक्षिण-पश्चिमी मानसून के सक्रिय होने से राज्य के विभिन्न इलाकों पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। हरियाणा के ऊंचाई वाले विभिन्न इलाकों, शिवालिक पहाड़ियों और उत्तराखण्ड में हो रही लगातार बारिश के परिणामस्वरूप बाढ़ की स्थिति पैदा होने का खतरा है। बुधवार को यहां हथिनी कुंड बराज से 50,000 क्यूसेक से ज्यादा पानी यमुना में छोड़ा गया। हथिनी कुंड बराज नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमने हथिनी कुंड बराज से 50,000 क्यूसेक से ज्यादा पानी यमुना में छोड़ा है। ऊंचाई वाले इलाकों से लगातार पानी आने की वजह से हथिनी कुंड में बहाव बहुत ज्यादा हो गया था इसलिए ऐसा करना पड़ा।" उन्होंने कहा, "इससे यमुना का जलस्तर बढ़ गया है लेकिन अभी स्थिति सामान्य है। हमने गुरुवार को जरा भी पानी नहीं छोड़ा।" उन्होंने कहा, "यदि हम तीन-चार दिन तक लगातार यमुना में 400,000 क्यूसेक या इससे अधिक पानी छोड़ते हैं तो परेशानी हो सकती है। यदि यमुना में अत्यधिक प्रवाह होता है तो 72 घंटे के अंदर पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। इस समय सब कुछ नियंत्रण में है।" हरियाणा और पंजाब में 25 जून को मानसून ने दस्तक दे दी थी।


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