प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद CM मनोहरलाल खट्टर ने रद्द की किसान बैठक

बीजेपी शासित हरियाणा ने पिछले साल नवंबर में तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब उसने पंजाब से दिल्ली आ रहे किसानों को रास्ते से रोकने का फैसला किया था और उन पर बल प्रयोग किया था.

खास बातें

  • हरियाणा के करनाल में किसानों पर पुलिस ने की पानी की बौछार
  • सीएम मनोहर लाल खट्टर के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसान
  • किसानों पर आंसू गैस के गोले भी दागे गए, हालात तनावपूर्ण
करनाल:

हरियाणा (Haryana) के करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी (BJP)  की तरफ से बुलाई गई किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) रैली में किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने गांव का दौरा रद्द कर दिया है. मुख्यमंत्री खट्टर को इस कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करना था. उनका विरोध करने के लिए वहां हजारों किसान इकट्ठा हो गए थे. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने. पुलिस ने उग्र किसानों पर ठंडे पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे हैं. इससे वहां स्थिति तवानपूर्ण बनी हुई है.

सैकड़ों किसान आसपास के इलाके से वहां जमा हो चुके हैं. पुलिस से झड़प के बाद ये सभी किसान फिलहाल गांवों और खेत खलिहानों की ओर चले गए हैं. वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस बीच सीएम खट्टर पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, "मा. मनोहर लाल जी, करनाल के कैमला गाँव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए. अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की साज़िश बंद करिए. संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए."

बीजेपी शासित हरियाणा ने पिछले साल नवंबर में तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब उसने पंजाब से दिल्ली आ रहे किसानों को रास्ते से रोकने का फैसला किया था और उन पर बल प्रयोग किया था. तब भी कुछ दिनों तक किसानों के साथ पुलिस की झड़प, बैरिकेडिंग, बैरिकेड्स तोड़ने, किसानों पर आंसू गैस और पानी की बौछार की रिपोर्ट और वीडियो फुटेज सामने आए थे.

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हालांकि, भारी आलोचना के बाद, केंद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों के बारे में "गलत धारणा" को दूर करने के किसानों से बड़े स्तर पर संवाद करने की योजना बनाई है. पीएम मोदी खुद इस तरह के कार्यक्रम में शिरकत कर चुके हैं. सीएम खट्टर भी किसानों से संवाद कर कृषि कानूनों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं. खट्टर पहले भी कह चुके हैं कि एमएसपी नहीं हटाया जाएगा.