यह ख़बर 14 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

फ्लैग मीटिंग : भारत ने अपनाया कड़ा रुख, पाक ने किया इनकार

खास बातें

  • अपने दो सैनिकों की हत्या और उनका शव क्षतविक्षत किए जाने की घटना पर सोमवार को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा लहजा अपनाया और ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग में संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन पर पाकिस्तान के सामने मजबूत शब्दों में प्रतिवाद दर्ज कराया।
नई दिल्ली/जम्मू/इस्लामाबाद:

अपने दो सैनिकों की हत्या और उनका शव क्षतविक्षत किए जाने की घटना पर सोमवार को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा लहजा अपनाया और ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग में संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन पर पाकिस्तान के सामने मजबूत शब्दों में प्रतिवाद दर्ज कराया।

भारत के सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने सोमवार को कड़े लहजे में कहा कि उनकी सेना को "प्रतिक्रिया जाहिर करने का अधिकार" हासिल है।

फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने संबंधी भारतीय सेना के आरोपों को खारिज कर दिया और उल्टे भारतीय सेना पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप मढ़ दिया। पाकिस्तान ने भारत से कहा कि वह कश्मीर पर दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते से वचनबद्ध है।

दोनों देशों के बीच ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर स्थित चक्कां दा बाग में हुई जिसमें दोनों तरफ के सेनाधिकारियों ने हिस्सा लिया।

इधर, दिल्ली में सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने शहीद लांस नायक हेमराज और शहीद सुधाकर सिंह की पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में 8 जनवरी को हुई हत्या को पाकिस्तानी सैनिकों का "जघन्य और अक्षम्य कृत्य" करार दिया। उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि नियंत्रण रेखा पर हमारे कमांडर आक्रामक और रक्षात्मक रहेंगे।"

वायुसेना प्रमुख मार्शल एनएके ब्राउन की टिप्पणी कि यदि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखा तो भारत दूसरे उपाय आजमा सकता है, के बारे में पूछे जाने पर जनरल सिंह ने कहा कि ब्राउन का इशारा "कूटनीति और आर्थिक विकल्पों" की ओर था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सेना द्वारा अभियान एक युक्ति संगत स्तर पर अमल में लाया जाता है।

फ्लैग मीटिंग के बाद उत्तरी कमान के प्रवक्ता ले. जनरल राजेश कालिया ने एक बयान में कहा, "हमारे प्रतिनिधि ने मेंढर सेक्टर में निगरानी दस्ते पर पाकिस्तानी सैनिकों के घात लगा कर किए गए हमले और बर्बर कारनामे पर गंभीर चिंता जाहिर की। अपने शहीद जवानों के शव को क्षत-विक्षत किए जाने के खिलाफ भारतीय सेना ने कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया। यह कृत्य जेनेवा घोषणा की मूल भावना के खिलाफ होने के साथ साथ सभी स्थापित सैन्य व्यवहार की नैतिकता के विरुद्ध है।"

बयान में आगे कहा गया है, "इस तरह का विध्वंसक और क्रूरता भरा कारनामा पूरी तरह असहनीय है और 2003 से लागू संघर्ष विराम समझौते को नजरअंदाज करने की सोची समझी रणनीति है जो विकृत रूप अख्तियार कर सकती है। इस प्रकार के कारनामे की पुनरावृत्ति को कतई सहन नहीं किया जाएगा।"

"पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता ने घटना में अपनी संलिप्तता से इन्कार किया और जवाब में आरोप लगाया कि हमारे (भारतीय) जवानों ने नियंत्रण रेखा को पार कर एक पाकिस्तानी सैनिक की हत्या कर दी और एक अन्य को घायल कर दिया।"

इससे पहले, सोमवार को जनरल बिक्रम सिंह ने नियंत्रण रेखा के समीप पाकिस्तान के आक्रामक रवैए को "पूर्व नियोजित और सोच समझ कर किया जा रहा" बताया था। जनरल सिंह ने यह भी कहा कि संभव है कि पाकिस्तानी सेना ने पूर्व की भांति ही इस बार आतंकवादियों का इस्तेमाल किया हो। वे इसमें लश्कर-ए-तोयबा के संस्थापक हाफिज सईद का हाथ होने से इन्कार नहीं कर रहे।

इस बात को मंजूर करते हुए कि हो सकता है कोई चूक हुई जिसने इस घटना को अंजाम दिया हो, जनरल सिंह ने कहा, "तुरंत जांच से जवनों के हौसले पर असर पड़ेगा और दुरुस्त करने के उपाय बाद में अमल में लाए जाएंगे।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी उसकी हताशा का परिचय देता है। उनकी सेना आगे नहीं बढ़ रही, लेकिन हम नजर रख रहे हैं।

सेना दिवस की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से उन्होंने कहा, "उन्होंने (पाकिस्तान) जो किया वह सैन्य नीतिशास्त्र के खिलाफ है। जिन सिपाहियों की हत्या हुई और जिनके शव को क्षत विक्षत कर दिया गया उनके परिवार के लिए मेरा दिल भर आता है। यह जघन्य और अक्षम्य कृत्य है।"

"हम जहां तक संभव होगा संघर्ष विराम को बनाए रखेंगे। हम अपनी मर्जी की जगह और समय पर प्रतिक्रिया जाहिर करने का अधिकार रखते हैं।" उन्होंने कहा कि शहीद हेमराज का सिर वापस लाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना जरूरी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा "यह कूटनीतिक स्तर के जरिए होना चाहिए।"

पाकिस्तानी सैनिकों ने 8 जनवरी को नियंत्रण रेखा के पास भारतीय क्षेत्र में घात लगा कर दो भारतीय जवानों की हत्या कर दी और उनके सिर काट दिए। एक जवान का सिर अभी तक नहीं मिला है। 13 सालों में इस तरह की यह तीसरी वारदात है। इससे पहले 2000 में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों ने एक भारतीय जवान का सिर काट दिया था। पिछले साल जुलाई में दो भारतीय जवानों का पाकिस्तानी सैनिकों ने वध कर दिया था।

उत्तर प्रदेश के मथुरा के अपने गांव में शहीद हेमराज कटा सिर परिवार को सौंपने की मांग करते हुए भूखहड़ताल पर बैठी उसकी पत्नी और परिवार के सदस्यों ने राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव पहुंचने के बाद सोमवार को अनशन तोड़ दिया।

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पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर इस साल और 2012 में 117 और 2011 में 61 बार संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया। भारत का मानना है कि नियंत्रण रेखा के पार से पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी का मुख्य उद्देश्य भारत में आतंकवादियों को घुसपैठ में मदद पहुंचाना होता है।