किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर 16 दिसंबर को होगी सुनवाई

पहली याचिका में दिल्ली निवासी ऋषभ शर्मा ने दिल्ली की सीमाओं पर जमे किसानों को हटाने की मांग की है. दूसरी याचिका में मांग की गई है कि पिछले 12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे हैं लेकिन केंद्र सरकार चुप्पी साधे है.

किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर 16 दिसंबर को होगी सुनवाई

नई दिल्ली:

Farmers Protest : किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर 16 दिसंबर को सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे,जस्टिस  एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं.

पहली याचिका में दिल्ली निवासी ऋषभ शर्मा ने दिल्ली की सीमाओं पर जमे किसानों को हटाने की मांग की है. इसमें याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली एनसीआर के सीमावर्ती इलाकों से किसानों को प्रदर्शन से तुरंत हटाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस प्रदर्शन से COVID19 के प्रसार का खतरा पैदा बढ़ गया है. साथ ही लोगों को आने- जाने में दिक्कत हो रही है. याचिका में कहा गया है कि प्राधिकारियों को तुंरत बॉर्डर खुलवाने के आदेश दिए जाएं. साथ ही किसी निश्चित स्थान पर सामाजिक दूरी और मास्क आदि के साथ प्रदर्शन को शिफ्ट किया जाए. 

दूसरी याचिका में मांग की गई है कि पिछले 12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे हैं लेकिन केंद्र सरकार चुप्पी साधे है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वो किसानों की मांगों पर विचार करे कि किसानों को बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान करे. किसानों के खिलाफ मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए एनएचआरसी से जांच रिपोर्ट भी मांगे और पुलिस बल द्वारा हमले का सामना करने वाले पीड़ित किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग भी की गई है. ये याचिका वकील जीएस मणि ने दाखिल की है. -

तीसरी याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए और उन्हें विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान यानी जंतर-मंतर पर COVID-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए विरोध करने की अनुमति दी जाए. वकील रीपक कंसल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि किसानों के विरोध के “ मानवीय और मौलिक अधिकारों”  की रक्षा करने और उन्हें बचाने के लिए न्यायालय का सहारा चाहिए, जिन्हें याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्यों ने शांतिपूर्ण विरोध के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

याचिकाकर्ता ने दिशा-निर्देश तैयार करने या नागरिकों के किसी अन्य राज्य तक बेरोकटोक पहुंच व आवागमन और विरोध के अधिकार के साथ संतुलन बनाने के लिए कानून बनाने की प्रार्थना की है.