सेना तथा एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी रहीं....
खास बातें
- मंडी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हुई
- मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की मदद देने का ऐलान
- राज्य सरकार घायल यात्रियों के उपचार का खर्च वहन करेगी
शिमला: हिमाचल प्रदेश में मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर बादल फटने के कारण हुए भीषण भूस्खलन से दो बसों जमींदोज हो गईं. हादसे में अब तक 48 लोगों की मौत की खबर है. मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. एक बस मनाली से कटरा और दूसरी मनाली से चम्बा जा रही थी. विशेष सचिव (आपदा) डीडी शर्मा ने बताया कि बीती रात ये बसें जब कोटरूपी में जलपान के लिये रुकी थीं तभी यह दुर्घटना हुई.
उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत अभियान का जायजा लिया. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रूपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. डीपीआरओ( शिमला) ने बताया कि मुख्यमंत्री ने घटना के शिकार लोगों के परिवारों से भी मुलाकात की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. राज्य सरकार घायल यात्रियों के उपचार का खर्च वहन करेगी.
भूस्खलन में पूरा मार्ग बह गया और बसें करीब 800 मीटर गहरी खाई में जा गिरीं जिनमें से एक बस मलबे के नीचे पूरी तरह से दब गई हैं और इसका कोई अता पता नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूस्खलन में लोगों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी, बादल फटने से कई मकान मिट्टी में दबे
बचाव अभियान फिलहाल स्थगित. कल फिर शुरू होगा. पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने बताया कि प्राथमिक सूचना के अनुसार मनाली-कटरा वॉल्वो बस में आठ यात्री जबकि अन्य बस में 47 यात्री थे.
VIDEO : भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 45 हुई
हिमाचल में यह ऐसी तीसरी घटना है. इससे पहले वर्ष 1988 में शिमला जिले में मटियाना के निकट भूस्खलन की चपेट में आने से 45 यात्री जमींदोज हो गए थे और1994 में कुल्लू जिले के लुग्गर हाटी में एक अन्य हादसे में 42 लोग दफन हो गए थे.