कश्मीर पर बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं रोशनदान भी खुले हैं - केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह

कश्मीर पर बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं रोशनदान भी खुले हैं - केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह

कश्मीर में संवाददाताओं से बात करते राजनाथ सिंह

खास बातें

  • राज्य सरकार अमन लाने की कोशिश में लगी है.
  • हुर्रियत नेताओं ने बातचीत नहीं की, जम्हूरियत में उन्हें भरोसा नहीं है
  • लेट गन का विकल्प पावा शेल्स (मिर्ची के गोले) होंगे
नई दिल्ली:

घाटी में अमन की कोशिश के लिए पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार करने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हुर्रियत नेताओं को आड़े हाथों लिया है. आज एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राजनाथ सिंह ने कहा कि हुर्रियत नेताओं ने जो कल किया न तो इंसानियत है, न कश्मीरियत है और न ही ज़म्हूरियत. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा.

राजनाथ सिंह ने कहा कि जो भी घाटी में अमन और शांति चाहते हैं, हम उनसे बातचीत के लिए तैयार हैं और इस सिलसिले में कल से 30 प्रतिनिधिमंडल के करीब 300 लोगों से मुलाकात हुई है. कश्मीर के हालात को लेकर पूरे देश को तकलीफ है, सभी का सहयोग चाहिए. बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं, रोशनदान भी खुले हैं.

राजनाथ सिंह ने पैलेट गन की जगह पावा शेल्स यानी मिर्ची के गोले के इस्तेमाल की भी बात कही. 26 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर के बाद आज जम्मू जा रहा है. जहां से शाम को वापस दिल्ली लौट आएगा.

राजनाथ सिंह के बयान के मुख्य अंश-

  • राज्य सरकार अमन लाने की कोशिश में लगी है.
  • हुर्रियत नेताओं ने बातचीत नहीं की, जम्हूरियत में उन्हें भरोसा नहीं है..
  • पैलेट गन का विकल्प पावा शेल्स (मिर्ची के गोले) होंगे.
  • पावा गन के 1000 गोले आ गए हैं.
  • पावा शेल्स से किसी की जान नहीं जाएगी.
  • हमने डॉ. संजय राय को नोडल अफसर बनाया है.
  • 300 से ज्यादा डेलिगेशन के सदस्यों ने दौरा किया.
  • कश्मीर के हालात को लेकर पूरे देश को तकलीफ है, सभी का सहयोग चाहिए.
  • कश्मीर पर बातचीत के लिए दरवाजे ही नहीं रोशनदान भी खुले हैं.
  • हमने हालात सुधारने के लिए सबके सुझाव लिए हैं.
  • किसका पहले क्या रुख था इस बहस पर नहीं पड़ेंगे.

     


 

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