कश्मीरी छात्रों से बदसलूकी होने पर सख्त कार्रवाई करें राज्य : गृह मंत्रालय

कश्मीरी छात्रों से बदसलूकी होने पर सख्त कार्रवाई करें राज्य : गृह मंत्रालय

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्रियों से कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

खास बातें

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एडवाइज़री जारी की
  • मुख्यमंत्रियों से सुरक्षा पर वे ध्यान देने की अपील
  • मेरठ में पोस्टर लगे, चित्तौड़गढ़ में हुई मारपीट
नई दिल्ली:

कश्मीरी छात्रों के साथ जो सलूक कई राज्यों में हो रहा है उससे चिंतित होकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी राज्यों के मुख्य मंत्रियों से कहा है कि उनके राज्यों में रह रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को वो तवज्जो दें. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक एडवाइज़री जारी कर सभी राज्यों से कहा है कि जो लोग इन छात्रों से बदसलूकी करते हैं उनके खिलाफ कड़ी कर्रवाई की जानी चाहिए.

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "मुझे पता चला है कि कुछ राज्यों में कश्मीरी बच्चों के साथ बुरा बर्ताव हुआ है. मैं सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि उनकी सुरक्षा पर वे ध्यान दें."  उन्होंने कहा "मैं यह भी कहूंगा कि उन बच्चों को आप अपना समझें और उनसे ठीक तरह से पेश आएं."  

शाम को मंत्रालय ने एक एडवाइज़री भी जारी की. इसमें लिखा है "ऐसे कई किस्से सामने आ रहे हैं जिनमें कश्मीरी छात्र जो कई एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में पढ़ रहे हैं,  के साथ हुई बदसलूकी की रिपोर्ट्स आ रही है. इन सभी वारदातों में कड़ी कर्रवाई की जानी चाहिए और ऐसे इंतज़ाम किए जाने चाहिए कि आगे से ऐसे क़िस्से सामने न आएं." सभी राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे वहां नियुक्त नोडल अफ़सरों को "सेंसेटाइज" करें.

कश्मीर में स्थानीय युवकों की ओर से भारतीय सेना पर लगातार की जा रही पत्थरबाजी पर अब देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रतिक्रिया हो रही है. खबरों के मुताबिक मेरठ में कुछ पोस्टर लगाए गए थे जिन पर लिखा है, ‘कश्मीरियो उत्तर प्रदेश छोड़ो वरना...’ जबकि दूसरी घटना में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट की खबर मंत्रालय तक पहुंची थी.

उत्तर प्रदेश की घटना में पुलिस ने आमिर जानी नाम के शख़्स के ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कर दी है. आमिर जानी कट्टर हिंदू ग्रुप जो कि वहां उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के नाम से जाना जाता है, का लीडर है. इस संगठन ने ही यूपी में पोस्टर लगाए थे. इसके अध्यक्ष अमित जानी ने ट्वीट भी किया था "कश्मीरी 30 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश छोड़ दें, वर्ना हड्डी तोड़कर वापस भेजेंगे.’ संगठन की ओर से कहा गया है, ‘पढ़ाई करने आए युवाओं में वे भी होंगे, जिनके परिवार के लोग कश्मीर में सेना का विरोध कर रहे हैं. ऐसे परिवारों के लड़कों को जब यहां दिक्कत होगी, तभी कश्मीर में पत्थरबाजों को सबक मिलेगा.’

संगठन ने मेरठ के लोगों से अपील की है कि कश्मीरियों को किराये पर मकान न दें. दुकान वाले उन्हें सामान भी न दें. जानी ने मीडिया से बातचीत में कहा है, ‘हम भारतीय सेना के प्रति लोगों में हमदर्दी लाना चाहते हैं और पत्थरबाजों के खिलाफ आवाज बुलंद करना चाहते हैं.’

जबकि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में कुछ कश्मीरी छात्रों से मारपीट तब हुई जब वे बाजार सामान लेने गए. एफ़आईआर के मुताबिक़ इन छात्रों को लोगों ने घेर लिया गया और घाटी में सीआरपीएफ जवानों से बदसलूकी के लिए जिम्मेदार ठहराने लगे. एफआईआर में लिखा है "हमें पत्थरबाज़ और आतंकी कहा गया. फिर उन्होंने हमें पीटना शुरू कर दिया. इस घटना से हमारा पूरा दिन उस वक्त बर्बाद हो गया, जब हम परीक्षा की तैयारी में जुटे थे.’हालांकि राजस्थान पुलिस ने इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस के इर्द-गिर्द बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एडवाइज़री में कहा है इन आरोपियों के खिलाफ़ सख़्त कर्रवाई की जानी चाहिए. मंत्रालय ने संजय राय जो कि मंत्रालय में निदेशक के पद पर हैं, को नोडल अफ़सर नियुक्त किया है और सभी राज्यों से कहा है कि जो कर्रवाई आरोपियों के ख़िलाफ़ हो उसकी रिपोर्ट उन्हें भेजी जाए. एडवाइज़री में हेल्प लाइन के फोन नंबर का उल्लेख है-  011-23092923 और 011-23092885. इन नंबरों पर कश्मीरी छात्र मुश्किल में हो तो कभी भी शिकायत कर सकता है.


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