नई दिल्ली: गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा मिलने पर नए सिरे से कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेरिका के फोर्ड फाउंडेशन को अपनी निगरानी सूची में रखा है।
गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा की वजहों से फोर्ड फाउंडेशन से आने वाला पैसा मंत्रालय से मंजूरी के बाद ही किसी संस्था को दिया जाएगा।
दरअसल, गुजरात सरकार ने गृह मंत्रालय से फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। गुजरात सरकार का आरोप है कि फोर्ड फाउंडेशन देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ के ज़रिये सांप्रदायिक सौहार्द को ख़राब कर रही है। हैरान करने वाली बात ये है कि गुजरात सरकार के कार्यक्रमों के लिए भी फोर्ड फाउंडेशन फंडिंग कर रही थी।
फोर्ड फाउंडेशन पर लगाम
- फोर्ड फ़ाउंडेशन से आने वाले पैसे को गृह मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी
- केंद्र ने कहा, सही पड़ताल के बाद देश हित और देश की सुरक्षा में लगे पैसा
- गुजरात सरकार ने केंद्र को लिखी थी चिट्ठी
- तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ को दिए पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया था
- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप, सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने का आरोप
गृह मंत्रालय के इस आदेश के बाद फोर्ड फाउंडेशन ने एनडीटीवी से कहा है :-- अगर सरकार अनुदान लेने की प्रक्रिया को मज़बूत बनाने का तरीक़ा बताती है तो हम उचित क़दम उठाएंगे।
- हम संबंधित देश के नियमों का सम्मान करते आए हैं और करते रहेंगे।
- एक विश्वव्यापी चैरिटी संस्थान के तौर पर हम पारदर्शी तरीक़े से काम करते हैं।
आदेश के अनुसार, ‘आरबीआई से अनुरोध है कि सभी बैंकों और उनकी शाखाओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए कि उक्त उल्लेखित एजेंसी से भारत में किसी व्यक्ति, एनजीओ, संगठन को आने वाले किसी भी धन को गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाए ताकि मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही प्राप्तकर्ता के खातों में धन जमा किया जा सके।’ मंत्रालय ने कहा कि वह सुनिश्चित करना चाहता है कि फोर्ड फाउंडेशन से आने वाले धन का इस्तेमाल राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की चिंताओं से समझौता किये बिना उचित कल्याणकारी गतिविधियों में किया जा सके।
आदेश के अनुसार, ‘सरकारी संस्थानों को इस एजेंसी से सीधे धन मिलने के किसी भी मामले में रोक लगाई जा सकती है और इस मंत्रालय के संज्ञान में लाया जा सकता है।’ गृह मंत्रालय ने इसी महीने ग्रीनपीस इंडिया के सात बैंक खातों पर रोक लगा दी और उस पर कथित तौर पर एफसीआरए का उल्लंघन करने के मामले में विदेशी धन लेने से रोक लगा दी।
(इनपुट्स भाषा से भी)